निकला भव्य वरघोड़ा, धार्मिक स्वरलहरियों के बीच भगवान अवंति के श्री चरणों में अर्पित की पत्रिकाएं- आयोजन के निर्विघ्न संपन्न होने के साथ की विश्व शांति की कामना
श्री अवंति पार्श्वनाथ को दिया अधिष्ठायक देवी देवताओं संग प्रतिष्ठा महोत्सव में पधारने का निमंत्रण
उज्जैन। गच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीश्वरजी म.सा. के सानिध्य में 18 फरवरी को होने वाले दानीगेट स्थित श्री अवंति पार्श्वनाथ तीर्थ के भव्यातिभव्य अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव का आगाज मंगलवार को पत्रिका आलेखन महोत्सव से हुआ। प्रभु की शरण में सकल श्रीसंघ को विशिष्ट निमंत्रण देते हुए श्री अवंति पार्श्वनाथ से प्रार्थना की कि आपकी प्रतिष्ठा में आपको अधिष्ठायक देवी देवता धर्णेन्द्र पद्मावती सहित पधारकर यहीं रहना है एवं सभी आयोजनों को अपनी कृपा से संपन्न कराना है। यह महोत्सव निर्विघ्न हो, आनंद मंगलपूर्वक हो, इस आयोजन में मारवाड़ी समाज, उज्जैन नगर में, मध्यप्रदेश, भारत सहित संपूर्ण विश्व में शांति, समाधि प्रसारित हो, ऐसी प्रार्थना की गई।
आचार्य जिणमणिप्रभ सुरीश्वरजी मसा के शिष्य आर्य मेहुलप्रभसागर मसा ने कहा विक्रम संवत 1761 से पूर्व यवनों और मुगलों के आक्रमण के समय में श्री अवंति पार्श्वनाथ मंदिर को बचाने के लिए ढक दिया गया था और विक्रम संवत् 1761 में आचार्य जिनचंद्र सूरि के समय यह मंदिर पुनः प्रकट किया गया और अब इस मंदिर के जीर्णोध्दार पश्चात प्रतिष्ठा महोत्सव का आगाज पत्रिका आलेखन महोत्सव के द्वारा हुआ है। गुरूदेव ने कहा हीराचंद छाजेड़ परिवार के द्वारा जय जिनेन्द्र का लाभ लिया है, छाजेड़ परिवार का विशेष कर्तव्य यह है कि गौरवशाली उज्जैन नगर में आपको सभी अवंति प्रभु के भक्तों की प्रतीक्षा व स्वागत में आतुर खड़ा रहना है। अवंती तीर्थ प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के संयोजक कुशलराज गोलेछा के अनुसार अवंतिनाथ में भगवान को सर्वप्रथम हीराचंद कौशलकुमारी छाजेड़ ने पत्रिका अर्पण की तत्पश्चात परिवार के अन्य सदस्यों ने पत्रिकाएं अर्पण की। कुल 21 पत्रिकाएं अलग-अलग जैन तीर्थों के नाम से भगवान को अर्पित की गई तथा निमंत्रित की गई। इससे पूर्व आचार्य जिणमणिप्रभ सुरीश्वरजी मसा के शिष्य आर्य मेहुलप्रभसागर मसा एवं मुनि मलयप्रभसागर मसा की निश्रा एवं महत्तरा दिव्यप्रभाजी मसा आदि ठाणा 4, माताजी रतनमालाश्रीजी म.सा. एवं डॉ. विद्युतप्रभाश्रीजी म.सा आदि ठाणा के सानिध्य में हाथी, घोड़े, बग्घी, बैंड के साथ राजदरबार के रूप में भव्य वरघोड़ा निकला। वरघोड़ा शांतिनाथ मांगलिक भवन छोटा सराफा से प्रारंभ होकर सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, ढाबा रोड़ होते हुए दानीगेट स्थित श्री अवंति पार्श्वनाथ तीर्थ पहुंचा। यहां धर्मसभा में साध्वी डॉ. विद्युतप्रभाश्रीजी मसा ने अवंति पार्श्वनार्थ तीर्थ का महत्व बताया। प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री पारस जैन ने प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के संयोजक कुशलराज गोलेछा ने भी उद्बोधन दिया। तत्पश्चात संगीतकार नरेन्द्र वानीगोता मुंबई के सुमधुर धार्मिक प्रस्तुतियों के बीच पत्रिका आलेखन समारोह हुआ। पत्रिका आलेखन समारोह में जय जिनेन्द्र के लाभार्थी उज्जैन निवासी हीराचंद छाजेड़, देवेन्द्र, अभय, अशोक, अजीत, रिषभ, सिध्दार्थ, मुदित, अंश छाजेड़ ने भगवान अवंति पार्श्वनार्थ के श्रीचरणों में पत्रिका अर्पित की। प्रतिष्ठा प्रचार समिति के रितेश जैन एवं तरूण डागा के अनुसार वरघोड़े में प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री पारस जैन, निर्मलकुमार सकलेचा, चंद्रशेखर डागा, महेन्द्र गादिया, रजत मेहता, विजयराज कोठारी आदि ट्रस्टीगण, अशोक कोठारी, जिनेन्द्र चोपड़ा, गजेन्द्र बांठिया, निलेश मेहता, हर्ष चोपड़ा, निलेश मेहता आदि शामिल हुए।