सरकारें दिवालिया होने के कारण नदियों और गौवंश के संरक्षण में विफल रही
कमलनाथ सरकार के पास भी आदर्श गौ शालाओं की स्थापना का कोई कार्यक्रम नहीं
उज्जैन। केन्द्र और प्रदेश की दिवालिया सरकारें देश की नदियों और गौवंश की रक्षा करने में विफल रही हैं। शिवराज के बाद नाथ सरकार ने गौशालाओं के माध्यम से गौवंश की रक्षा की बात कही है लेकिन इस सरकार के पास भी आदर्श गौ शालाओं की स्थापना का कोई कार्यक्रम नहीं है। कमलनाथ सरकार यदि असली गौभक्त है तो शिवराज सरकार ने गौचर भूमियों के माफिया के विरूध्द उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में पिछले 5 वर्षों से विचाराधीन लोकहित याचिका 5121/2014 का उत्तर दे जिसका न्यायालयीन आदेश के बावजूद आज तक जवाब नहीं दिया गया है। इसी प्रकार व्यापक घोटाले की तरह उज्जैन संभाग में हुए ओपन परीक्षा घोटाले से संबंधित याचिका 5131/2014 का भी जवाब देकर अपराधियों को दंडित करवाएं।
उक्त वक्तव्य जारी करते हुए मालव रक्षा अनुष्ठान के संयोजक आचार्य सत्यम ने दावा किया कि सरकारें दिवालिया होने के कारण नदियों और गौवंश के संरक्षण में विफल रही हैं। इसी कारण हम पिछले 5 वर्षों से मांग कर रहे हैं कि शासकीय प्रबंधन के महाकालेश्वर मंदिर और महर्षि सांदीपनि आश्रम से उज्जयिनी में अंतरराष्ट्रीय ख्याति का गौ विज्ञान और पर्यावरण प्रशिक्षण संस्थान स्थापित हो। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय महत्व की इन दोनों धरोहरों के माध्यम से मालव अंचल में सवा लाख गौवंश के पालन हेतु आदर्श गौशालाओं तथा मोक्षदायिनी क्षिप्रा के उद्गम से चम्बल में संगम तक उसका मनोहारी प्राकृतिक श्रृंगार बिना सरकारी मदद के किया जा सकता है। इन्हीं मांगों को लेकर हमारा सांकेतिक अनशन 23 जनवरी को भोपाल में और 30 जनवरी से आमरण अनशन देश की राजधानी में प्रारंभ होगा। हमारा शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की संवैधानिक गारंटी प्रत्येक भारतीय को देने का अभियान भी जारी रहेगा। हिटलर के हिंदुस्तानी वारिस कामगारों के आरक्षण के 10 नंबरी रसगुल्ले का जवाब देते हुए महाकालेश्वर और योगेश्वर की कृपा से लाखों बेरोजगारों को नदी, गौवंश तथा पर्यावरण संरक्षण योजनाओं में बिना सरकारी सहायता के रोजगार दे सकते हैं। आचार्य सत्यम ने मांग की है कि उक्त परामर्श को मानते हुए कमलनाथ सरकार प्रदेश तथा शहर हित में कार्य करे।