भगवान भक्त को मुक्त करना चाहते हैं इसलिए कष्ट देते हैं- मीरा दीदी
उज्जैन। जीवन भर धर्म साधना करने वाले किसी भक्त को अंतिम समय पर खटिया पर बीमारी से जूझते देखों तो उसकी साधना को यह कहकर निम्न श्रेणी की धारणा मत बनाना कि जीवन भर साधना की और अंत में भुगत रहा है। भक्त के भाग्य में जो कर्म है उसका फल भगवान जानबूझकर के भुगवाते हैं जिस समय वह भोगता है उस समय वह भगवान की गोद में रहता है। क्योंकि एक भी कर्म का भार इस संसार में रह जाए तो उस जीवात्मा को दुबारा संसार में आना पड़ता है और भगवान भक्त को मुक्त करना चाहते हैं इसलिए सारे कष्टों को यहीं भुगवा कर गोद में लेकर जाते हैं।
यह बात तराना रोड़ स्थित ग्राम गुनाई खालसा में आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा में कथावाचक साध्वी मीरा दीदी ने कही। श्रीराम कथा में मंगलवार को दीदी ने भगवान श्रीराम की बाललीला की कथा सुनाई। कथा में दीदी ने कहा कि हमारी नीति ही हो गई है कमजोर को दबाना और बलवान के आगे शीश नवाना। किसी कमजोर या गरीब से अनजाने में कोई गलती हो जाए तो लोग उसे प्रताड़ित करते हैं यहां तक कि कई बार आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर देते हैं लेकिन अन्याय करने वाला बेधड़क संसार में घूमते रहता है उस पर कोई उंगली नहीं उठाता। कथा समापन पर महाआरती हुई। समस्त ग्रामवासियों द्वारा ग्राम गुनाई खालसा में आयोजित श्री राम कथा की पूर्णाहुति 20 जनवरी को होगी। प्रतिदिन यहां दोपहर 12 से 3 बजे तक श्रीराम कथा का आयोजन हो रहा है।