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नर्मदा घाटी विकास मंत्री ने त्रिवेणी घाट, रामघाट आदि का किया निरीक्षण, श्री महाकालेश्वर एवं शनि मन्दिर में की पूजा-अर्चना


पर्व स्नानों का वार्षिक कैलेण्डर बनाकर तदनुसार की जाएं व्यवस्थाएं, वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर दिए निर्देश

    उज्जैन । उज्जैन में शिप्रा नदी में होने वाले सभी पर्व स्नानों का वार्षिक कैलेण्डर बनाए जाकर तदनुसार वहां श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं उत्कृष्ट हों। इस वार्षिक कैलेण्डर में पर्व स्नानों की तिथियां, स्नान के लिए शिप्रा में आवश्यक जलस्तर तथा उसके लिए क्षिप्रा-नर्मदा लिंक योजना से छोड़े जाने वाले जल की मात्रा तथा जल छोड़े जाने वाली तिथियों का पूरा विवरण हो। सभी सम्बन्धित अधिकारी आपसी समन्वय के साथ बनाई गई कार्य योजना के अनुरूप कार्य करें।

नर्मदा घाटी विकास एवं पर्यटन मंत्री श्री सुरेन्द्रसिंह बघेल ने आज शुक्रवार को उज्जैन जिले के भ्रमण के दौरान त्रिवेणी घाट, लाल पुल के पास शिप्रा तट, रामघाट आदि का निरीक्षण किया तथा इसके उपरान्त बृहस्पति भवन में आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए। इस अवसर पर विधायक श्री रामलाल मालवीय, श्री मुरली मोरवाल, श्री महेश परमार, एसीएस नर्मदा घाटी विकास श्री रजनीश वैश्य, संभागायुक्त श्री अजीत कुमार, आईजी श्री राकेश गुप्ता, कलेक्टर श्री शशांक मिश्रा, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप जीआर, नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल, जनप्रतिनिधि श्री राजेन्द्र वशिष्ठ, श्री कमलसिंह पटेल, श्री विवेक गुप्ता, श्री रवि भदौरिया, श्री वीरसिंह राणा, विभिन्न विभागों के अधिकारी आदि उपस्थित थे।

    मंत्री श्री बघेल ने निर्देश दिए कि उक्त व्यवस्थाओं के लिए संभागायुक्त की अध्यक्षता में प्रत्येक माह अन्तर्विभागीय समिति की बैठक आयोजित कर कार्रवाई की जाए। पर्व स्नानों के सम्बन्ध में बनाए जाने वाले कैलेण्डर को सभी सम्बन्धित विभागों के कार्यालयों में प्रदर्शित किया जाए। शिप्रा में मिलने वाले गन्दे जल को रोकने के लिए तकनीकी परीक्षण कराकर आवश्यक उपाय किए जाएं।

    मंत्री श्री बघेल ने निर्देश दिए कि उज्जैन में पर्व स्नानों के अवसरों पर सभी व्यवस्थाएं उत्कृष्ट रूप से सम्पादित किए जाने के लिए पर्व स्नान के पूर्व ही उन स्थानों पर प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों एवं तकनीकी व्यक्तियों को तैनात किया जाए। नगर निगम शिप्रा के घाटों एवं किनारों की स्वच्छता एवं सौन्दर्य के लिए निरन्तर प्रयत्न करे।

कार्य होना चाहिए, कोई बहाना नहीं चलेगा

    बैठक में मंत्री श्री बघेल ने स्पष्ट रूप से कहा कि उज्जैन धार्मिक नगरी है तथा  मुख्यमंत्रीजी के निर्देश हैं कि यहां श्रद्धालुओं की भावना अनुरूप पर्व स्नानों एवं त्यौहारों पर व्यवस्थाएं उत्कृष्ट होनी चाहिए। कार्य होना चाहिए, किसी प्रकार का कोई बहाना नहीं चलेगा। अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर सारी व्यवस्थाएं सम्पन्न कराएं।

फरवरी तक उज्जैन में आ जाएगा पानी

    बैठक में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रजनीश वैश्य ने बताया कि शिप्रा नदी में निरन्तर जल प्रवाह बना रहे, इसके लिए शिप्रा के उद्गम स्थल उज्जैनी ग्राम से उज्जैन तक पाइप लाइन डाली जा रही है, जिसका कार्य अगले 6 माह में पूरा हो जाएगा। इसके पूर्व देवास से उज्जैन तक की पाइप लाइन का काम फरवरी माह में ही पूरी होने की संभावना है। इससे शिप्रा नदी में निरन्तर पानी आने लगेगा।

पीने के पानी की कमी नहीं आयेगी

    बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा यह प्रश्न किए जाने पर कि वर्तमान में गंभीर डैम का पानी शिप्रा नदी में छोड़े जाने से क्या भविष्य में उज्जैन के लिए पीने के पानी का संकट नहीं आएगा, एसीएस श्री रजनीश वैश्य ने बताया कि जो पानी लिया जा रहा है, मात्र 1 दिन की सप्लाई का है। जो पानी लिया जाएगा, उसकी आपूर्ति नर्मदा के पानी से तथा आवश्यकता पड़ी तो यशवंत सागर के पानी से कर दी जाएगी। किसी भी स्थिति में पेयजल की समस्या नहीं आएगी।

श्रद्धालुओं को स्नान में न आए परेशानी

बैठक में विधायक श्री रामलाल मालवीय ने कहा कि गत दिवस शनीचरी अमावस्या पर श्रद्धालुओं के स्नान में दिक्कतें आईं, उसकी पुनरावृत्ति न हो, इस बात पर अनिवार्य रूप से ध्यान दिया जाये। विधायक श्री महेश परमार ने कहा कि अधिकारी समय-समय पर धार्मिक पर्वों पर ध्यान देकर श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया कराएं। विधायक श्री मुरली मोरवाल ने कहा कि घाटों पर अच्छी साफ-सफाई हो, स्नान पर्वों पर इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

वर्तमान में 1331.45 एमसीएफटी पानी उपलब्ध

बैठक में कलेक्टर श्री शशांक मिश्रा ने उज्जैन शहर की जल प्रबंधन व्यवस्था के बारे में  बताया कि गंभीर डेम में 2250 एमसीएफटी पानी की क्षमता है और वर्तमान में 1267.45 एमसीएफटी पानी है। इसी तरह साहिबखेड़ी तालाब में 446 एमसीएफटी की क्षमता है और वर्तमान में 38 एमसीएफटी पानी है। उंडासा तालाब में क्षमता 218 एमसीएफटी है और वर्तमान में 6 एमसीएफटी पानी है। शिप्रा बैराज में 90 एमसीएफटी पानी की क्षमता है और वर्तमान में 20 एमसीएफटी पानी है। चारों स्थानों पर वर्तमान में कुल 1331.45 एमसीएफटी पानी उपलब्ध है। बैठक में पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से मकर संक्रान्ति पर्व के दृष्टिगत शिप्रा नदी में जल की आपूर्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।


 

श्री बघेल ने भगवान श्री महाकाल एवं शनिदेव के दर्शन कर पूजा-अर्चना की

नर्मदा घाटी विकास एवं पर्यटन मंत्री श्री सुरेन्द्रसिंह बघेल उज्जैन प्रवास के दौरान सर्वप्रथम त्रिवेणी स्थित शनि मन्दिर पहुंचे तथा शनिदेव के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। मंत्री श्री बघेल ने श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुंचकर भगवान श्री महाकाल के दर्शन कर पूजा-अर्चना की।

घाटों का किया निरीक्षण

श्री बघेल ने अपने उज्जैन प्रवास के दौरान सर्वप्रथम त्रिवेणी घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां पर शिप्रा नदी के जलस्तर एवं गुणवत्ता को देखा। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि शासन द्वारा एक कार्यक्रम बनाकर सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। आगामी मकर संक्रान्ति पर्व के अवसर पर सारी व्यवस्थाएं श्रेष्ठ रहेंगी तथा आगे भी व्यवस्थाएं निरन्तर उत्कृष्ट बनी रहें, इसके लिये प्रदेश स्तरीय एवं स्थानीय मॉनीटरिंग कमेटियां बनाई जाएंगी। पानी की मात्रा के साथ ही उसकी गुणवत्ता का भी ध्यान रखा जाएगा। मंत्री श्री बघेल ने लाल पुल के पास गंभीर का पानी शिप्रा में मिलाए जाने को भी देखा। उन्होंने निर्देश दिए कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि उज्जैन नगर को पेयजल आपूर्ति में किसी प्रकार की परेशानी न आए। मंत्री ने रामघाट पर पर्व स्नान की व्यवस्थाओं को देखा तथा वहां पर्याप्त जल स्तर के साथ ही आवश्यक सुरक्षा इंतजाम किए जाने के भी निर्देश दिए, जिससे कि पर्व के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।

 

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