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दार्शनिक और विद्वान हाजी इकबाल हुसैन को आचार्य चाणक्य अवार्ड से किया सम्मानित


आचार्य चाणक्य की जयंती पर हुआ विचार गोष्ठी का आयोजन

उज्जैन। सर सैयद अहमद वेलफेयर सोसायटी द्वारा आचार्य चाणक्य की जयंती मौलाना अब्दुल हादी हाल में मनाई गई। समारोह में दार्शनिक और विद्वान हाजी इकबाल हुसैन को आचार्य चाणक्य अवार्ड से शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
सचिव पंकज जयसवाल एवं संयोजक हाजी फजल बैग ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद् नदीम इकबाल ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर जिला हज कमेटी के अध्यक्ष हाजी नईम खान, विशेष अतिथि के तौर पर गंगाधर महा, सीरत कमेटी अध्यक्ष फहीम सिकंदर, डॉ. कलाम युवा मंच के अध्यक्ष समीर खान मौजूद थे। मुख्य अतिथि हाजी नईम खान ने अपने उद्बोधन में कहा कि आचार्य चाणक्य महान विद्वान थे। आपने अपनी दूरदर्शिता को चन्द्रगुप्त मौर्य को हीरे की तरह तराशा और महान राजा बनाया और अखण्ड भारत बनाया। अखण्ड भारत सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य और सम्राट आलमगीर औरंगज़ेब के वक्त ही रहा। आचार्य चाणक्य ने कहा था कि मूर्ख लोगों से बहस न करें। अध्यक्षीय उद्बोधन में इकबाल नदीम ने कहा कि आचार्य चाणक्य को एक बार कांटा चुभा तो आपने झाड़ में मठ्ठा डाला। आपके अनुयायी पुरुद्ध भट्ट एवं बद्र भट्ट ने पूछा तो आपने कहा जो कष्ट मुझे हुआ वह दूसरों को न हो इसलिए मैंने झाड़ में मठ्ठा डाला, मठ्ठा डालने से चींटियां आजाएंगी और उस कांटे के झाड़ को नष्ट कर देंगी। इस मौके पर शिक्षाविद् गुलरेज गौरी, अमरेंद्र सिंह, संजय जोगी, मो. रईस, कलीम शेख, शरीफ खान, आबिद खान आदि गणमाण्य नागरिक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राजेश अग्रवाल ने किया। आभार संस्था अध्यक्ष इकबाल उस्मानी ने माना। उपरोक्त जानकारी अदीब कुरेशी ने दी। 

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