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क्षिप्रा संरक्षण के लिए विवेकानंद जयंती पर होगा सत्याग्रह


 
उज्जैन। क्षिप्रा के संरक्षण, प्रदूषणमुक्ति और उसे प्रवाहमान कर उसके उद्गम से चंबल में संगम तक की शिवराज और मनमोहन सरकार की स्वीकृत योजना पर तत्काल अमल करने तथा मकर संक्रांति स्नान क्षिप्रा के भूगर्भ जल से संपन्न करवाने की मांग को लेकर स्वामी विवेकानंद जयंती पर नृसिंह घाट पर सांकेतिक सत्याग्रह प्रातः 10 से शाम 5 बजे तक आयोजित होगा। इस अवसर पर कमलनाथ सरकार से शिवराज सरकार एवं नकली राष्ट्रवादियों द्वारा विश्वबंधुत्व के प्रणेता स्वामीजी को संकुचित हिंदू संत घोषित करने का माकूल जवाब देते हुए स्वामीजी के सर्वधर्म समभाव और मानवतावादी विचारों के प्रचार प्रसार का आव्हान भी किया जाएगा। 
मालव रक्षा अनुष्ठान के संयोजक आचार्य सत्यम ने बताया कि क्षिप्रा में अमावस्या स्नान विफल होने पर शनि महाराज और बाबा महाकाल के साथ ही क्षिप्रा मैया का श्राप भी प्रशासन को लगा है, इसके पूर्व नकली रामभक्त सरकार का सिंहासन छीना गया।  सत्याग्रह कर मांग की जाएगी कि क्षिप्रा मैया के संरक्षण हेतु मनमोहन सरकार द्वारा मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत नदी संरक्षण कार्य योजना का क्षिप्रा पर अमल तत्काल किया जाए। त्रिवेणी से आगे दो-दो सौ फीट की दूरी पर तीन दिन में तीन कुए खोदकर क्षिप्रा के भुगर्भ जल से संक्रांति स्नान संपन्न करवाया जाए। तुगलकी नर्मदा क्षिप्रा लिंक योजना की लाश ढोने और अपने अस्तित्व के संकट से जूझती भगवती नर्मदा की आंतें खींचने का पाप तत्काल बंद हो। आचार्य सत्यम ने कहा कि भगवती गंगा से 10 गुना अधिक पवित्र क्षिप्रा मैया के अस्तित्व की रक्षा का अभा अखाड़ा परिषद और संत समिति द्वारा समर्थित हमारा निर्णायक अनुष्ठान 12 जनवरी से विश्व युवा दिवस से प्रारंभ हो रहा है। पूर्व घोषित सत्याग्रह के कार्यक्रम में परिवर्तन करना पड़ा है। अब 23 जनवरी सुभाष जयंती पर भोपाल में सांकेतिक सत्याग्रह और देश की राजधानी में 30 जनवरी शहीद दिवस से हमारा आमरण अनशन प्रारंभ होगा। 

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