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चने की फसल की जगह गिरदावर ने अंकित कर दी गेहूं की फसल, नुकसान हुआ तो बीमे के लिए कलेक्टर से लगाई गुहार



उज्जैन। गिरदावर द्वारा सर्वे रिपोर्ट गलत जारी करने खामियाजा बड़नगर रोड़ स्थित ग्राम मोहनपुरा के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। यहां के किसानों ने पिछली बार बारिश अधिक होने पर गेहूं बोया था और इस बार चना, ठंड के कारण नुकसान चने में हुआ लेकिन गिरदावर ने उक्त रकबे पर पिछली फसल गेहूं अंकित कर दी जबकि इस बार बारिश कम होने से चने का रकबा बड़ा हुआ है। मोहनुपरा के साथ ही रातड़िया के किसानोंने चने में हुए नुकसान के बीमे के लिए कलेक्टर के समक्ष गुहार लगाई है। 
हल्का नंबर 35 तहसील घटिया की कृषि भूमि के चने का बीमा नहीं दिये जाने पर पर किसान पूर्व मंडी उपाध्यक्ष विक्रमसिंह पटेल के नेतृत्व में बुधवार को कलेक्टर से मिले। मोहनपुरा के ग्रामीणों ने कहा कि 4 जनवरी से मोहनपुरा में गिरदावरी का कार्य प्रारंभ हुआ है जबकि तहसीलदार का कहना हे कि चने की उपज 100 हेक्टर से कम जमीन होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू नहीं होती है। ग्रामीणों ने कहा कि पिछली बार अच्छी बारिश नहीं होने के कारण गेहूं की उपज अधिक हुई है जबकि इस बार बारिश कम होने से चने का रकबा बड़ा हुआ है। गत वर्ष की सूची के अनुसार गिरदावर द्वारा उक्त संपूर्ण रकबे पर समान रूप से गेहूं की फसल को सिंचित अंकित कर दिया और चने की फसल के कॉलम में निल लिख दिया जबकि गिरदावरी का कार्य वर्तमान में किया जा रहा है। किसानों ने कहा कि हम में से किसी के पास भी 100 बीघा जमीन नहीं है इस कारण हमें इस योजना के लाभ से वंचित किया जा रहा है और उक्त योजना की अंतिम तारीख 15 जनवरी नियत की है। विक्रमसिंह पटेल के साथ पहुंचे अशोकसिंह आकोदिया, नारायणसिंह आकोदिया, प्रेमसिंह, विजेन्द्रसिंह दरबार आदि ने कलेक्टर से मांग की कि मोहनपुरा के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अंतिम दिनांक के पूर्व दिलवाया जाए। 

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