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सेवा भारती महिला मंडल मालवा प्रांत की बैठक में 7 जिलों की बहनें हुई शामिल



उज्जैन। सेवा भारती महिला मंडल मालवा प्रांत की एक दिवसीय बैठक सेवाभारती वनवासी कन्या छात्रावास में हुई जिसमें उज्जैन के अलावा इंदौर, देवास, शाजापुर, मंदसौर, रतलाम, भोपाल की 55 बहनों ने सहभागिता की। 
उद्घाटन सत्र में क्षेत्रीय सेवा प्रमुख गोरेलाल बारचे, राष्ट्रीय सेवा भारती उपाध्यक्ष अमिता जैन, मालवा प्रांत महिला मंडल प्रमुख सुनीता दीक्षित, भोपाल महिला मंडल प्रमुख आभा पांडे द्वारा मां भारती के समक्ष माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। महिला मंडल द्वारा दीप प्रज्जवलन मंत्र की प्रस्तुति दी गई। अतिथि परिचय सुमित्रा अवतानी रतलाम ने दिया। बैठक की आयोजक उज्जैन महिला मंडल द्वारा अतिथियों का चंदन तिलक एवं महाकाल की तस्वीर भेंट कर स्वागत किया। करूणा शितोले द्वारा एकल गीत की प्रस्तुति दी गई। मुख्य वक्ता गोरेलाल द्वारा सेवा की परिभाषा स्पष्ट करते हुए सेवा के व्यापक दृष्टिकोण, सामाजिक समरसता एवं मातृशक्ति के प्रेरक प्रसंग के माध्यम से सहज, सरल एवं मार्गदर्शक उद्बोधन दिया गया। संगठन मंत्री रूपसिंह नागर द्वारा सेवा भारती का संक्षिप्त परिचय देते हुए सेवा भारती के विभिन्न आयामों की जानकारी दी गई। आपने छोटे-छोटे खेल एवं गतिविधियों के माध्यम से बहनों को कार्य के विस्तार का दृष्टिकोण पर भी मार्गदर्शन दिया। चर्चा-परिचर्चा में विभिन्न प्रश्नों का समाधान भी किया। सुनीता दीदी के मार्गदर्शन में सभी बहनों द्वारा सेवाभारती में किए जा रहे सेवा कार्य एवं अपने अनुभव को रोचक रूप में वर्णन किया। जिसमें कन्या छात्रावास, मातृछाया, नशामुक्ति, चिकित्सा शिविर, दिशा प्रकल्प, कुंजबिहारी, प्रकल्प, वन यात्रा, कन्या पूजन, वृक्षारोपण, बाल संस्कार, भजन मंडली, महिला सिलाई, केन्द्र, व्यक्तित्व विकास शिविर एवं वन यात्रा का अत्यंत मार्मिक रूप से वर्णन किया। इस वर्ग की मुख्य शिक्षक सविता अभ्यंकर एवं वर्ग गीत अनुराधा मेहता द्वारा लिया गया। समापन सत्र में अमिता जैन द्वारा संपूर्ण महिला मंडल का अभिनंदन किया गया। साथ ही आपने बताया कि कार्यक्षेत्र में विभिन्न समस्याओं का निराकरण करते हुए मिल जुलकर कार्य को गति प्रदान करना उत्साह एवं उर्जा बनाए रखना अत्यंत अनिवार्य है। पारिवारिक दायित्व का सुचारू रूप से निर्वहन करते हुए समाज सेवा करना एक उत्कृष्ट कार्य है। इससे अपनी उर्जा एवं क्षमताओं का विकास होता है हमारे जीवन की सार्थकता इसी में है कि हम अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन अच्छे से करें एवं आज की उर्जावान, ज्ञानवान, तेजस्वी शक्तिशाली, बुध्दिमान, मातृशक्ति अगर सेवा के क्षेत्र में अपना योगदान देगी तो निश्चित रूप से हमारा राष्ट्र प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। संचालन सोनानी पालिया ने किया एवं आभार सीमा वशिष्ठ ने माना। संपूर्ण वर्ग में उज्जैन महिला मंडल का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 

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