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सरकार मुस्लिम महिलाओं के लिए ही इंसाफ दिलाने को चिंतित क्यों



ऑल इंडिया इमाम्स कौंसिल की बैठक में मुस्लिम समस्याओं पर चिंतन के साथ ही मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों का हुआ चुनाव
उज्जैन। तीन तलाक, बाबरी मस्जिद और बेकसूर नौजवानों की गिरफ्तारी जैसी समस्याएं सरकार की नाइंसाफी का नतीजा हैं। भाजपा सरकार मुस्लिम महिलाओं के लिए ही इंसाफ दिलाने को क्यूं चिंतित है। अन्य समुदाय की महिलाएं मुस्लिम महिलाओं से ज्यादा जुल्म ज्यादती का शिकार हैं उनके लिए सरकार किसी भी तरह की कोई पहल नहीं कर रही है। ये इस बात का सबूत है कि वो इस मामले पर राजनीति कर रही है। 
इन तमाम बातों का इजहार ऑल इंडिया इमाम्स कौंसिल की बैठक में ऑल इंडिया इमाम्स कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना खालिद रसादी ने कही। बैठक में मुस्लिम समस्याओं पर चिंतन के साथ ही मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों का चुनाव भी हुआ। मौलाना ने कहा कि बाबरी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और मुस्लिम समुदाय को उम्मीद है कि गवाहों और सबूतों के बीना पर फैसला उनके हक में आएगा। ऑल इंडिया इमाम्स कौंसिल ने तमाम मुसलमानों से अपील की है कि बिना किसी भेदभाव के बेगुनाह नौजवानों की गिरफ्तारियों के मुत्तालिक मजबूत और ठोस नीति तैयार करें। सरकार की ये सुनियोजित नीति है कि बेगुनाह नौजवानों को बगैर किसी सबूत के जेलों में डालकर मुस्लिम समुदाय को खौफ में जीने पर मजबूर कर दिया जाए। मध्यप्रदेश के ऑल इंडिया इमाम्स कौंसिल के नए अध्यक्ष मौलाना असलम इशाअती ने कहा कि ऑल इंडिया इमाम्स कौंसिल का काम बंद कमरों में बैठकर नहीं होगा। बल्कि उलामा की इस कौंसिल के दायित्व को जमीन पर उतरकर ही पूरा किया जा सकता है। बैठक में दो वर्ष के लिए उपाध्यक्ष मौलाना आसिम सिराजी, महासचिव मौलाना असलम मेवाती, सचिव मौलाना जावेद मसउदी, कोषाध्यक्ष मुफ्ती इकरार कासमी के साथ ही चार सदस्यों को मनोनीत किया गया। ऑल इंडिया इमाम्स कौंसिल की चुनावी बैठक मौलाना खालिद रशादी मनीपुर की अध्यक्षता में हुई। इस चुनावी बैठक में उज्जैन के अलावा दूसरे जिलों के पदाधिकारी भी सम्मिलित हुए। 

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