केरल लव जिहाद: SC ने कहा- हादिया ने मर्जी से की शादी, NIA को जांच का हक नहीं
नई दिल्ली। केरल लव जिहाद केस में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि एनआईए हादिया की शादी की वैधता नहीं जांच सकती है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हादिया बालिग है और ऐसे में जांच एजेंसी उसकी शादी की वैधता नहीं जांच सकती है।
बता दें कि हादिया के पिता ने बेटी का जबरन धर्मांतरण और मुस्लिम शख्स से शादी कराने का आरोप लगाया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी।
पिछले साल नवंबर में 24 वर्षीय हादिया ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह अपने पति शफीन के साथ रहना चाहती है। शफीन के साथ शादी करने के बाद मुस्लिम धर्म अपनाने को लेकर हादिया पिछले काफी समय से सुर्खियो में है। हादिया ने कहा है कि उसने अपनी मर्जी से शफीन के साथ शादी की है और उसे इसके लिए किसी ने मजबूर नहीं किया है। हादिया के पिता ने उसकी पढ़ाई रोकने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया था।
इस संबंध में हादिया के पिता के एक वकील ए रघुनाथ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि एनआइए एक रिपोर्ट दायर करेगी और कोर्ट से हादिया को उसकी पढ़ाई जारी रखने की इजाजत मिलेगी। हमें खुशी है कि वह सुरक्षित है। देखते हैं आगे क्या होता है।
केरल हाईकोर्ट ने दिसंबर 2016 में दोनों की शादी को रद कर दिया था। हादिया के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था। हादिया ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
हादिया के पति पर आतंकी संगठन आइएसआइएस से संपर्क में होने का आरोप भी है। एनआइए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आइएसआइएस के दो संदिग्धों ने उनके सामने माना कि शफीन उनके संपर्क में रहा है। सूत्रों के मुताबिक, मनसीद अहमद (कन्नूर) और सफवान उर्फ रय्यान (तिरूर) से विय्यूर सेंट्रल जेल में कई घंटे तक पूछताछ की गई थी।