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अल्पविराम का मूल है शांत समय : डॉ. प्रवीण जोशी


उज्जैन- आज के आपाधापी भरे जीवन में, आनंद पाना बहुत मुश्किल है। आनंद विभाग राज्य आनंद संस्थान हमें इसके लिए प्रेरित करता है। आनंद विभाग के टूल्स बताते है कि इस भागमभग वाली जिन्दगी में कैसे थोड़ा रुका जाए ? अल्पविराम का मूल है शांत समय, आनंद विभाग अल्पविराम और शांत समय के माध्यम से हमें  इस कार्य में दक्ष बनाता है। यह बात कही आनंद विभाग के उज्जैन जिला समन्वयक डॉ. प्रवीण जोशी ने। राज्य आनंद संस्थान भोपाल के निर्देश पर जनपद पंचायत तराना में शनिवार को शासकीय सेवकों के लिए अल्पविराम परिचय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के शुभारंभ के पहले, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर राष्ट्रीय शोक के फलस्वरूप उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यशाला में उपस्थित और मुख्य अतिथि मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती डॉली श्रीवास्तव ने कहा कि, आनंद हमारे घर शुरू होता है, इसके लिए फैमिली फर्स्ट का दायित्व बोध बहुत जरूरी है। आनंद विभाग के मास्टर ट्रेनर श्री शैलेन्द्र व्यास (स्वामी मुस्कुराके) ने कहा कि आनंद घर, समाज और राष्ट्र की जिम्मेदारी के साथ बदलता चला जाता है यह हमारे सदा मुस्कुराने के लिए जरूरी है कि अपने अंदर हस्ती और मस्ती दोनों जिंदा रखे। सुश्री रंजना मालवीय ने लाइफ बैलेंसशीट प्रस्तुत की, उन्होंने बताया कि अपनी गलती पर  माफी मांगना और किसी और की गलती पर माफ कर देना, निरंतर आनंद भाव में वृद्धि करता है। सी.पी.जोशी ने फ्रीडम ग्लास टूल्स प्रस्तुत किया, उन्होंने बताया कि हम अल्पविराम के माध्यम से अपने अंदर के गंदे विचार, घृणा, लालच, नशा, चोरी को निकाल सकते हैं तथा एक पवित्र और निश्छल इंसान बन सकते हैं। इस अल्पविराम परिचय कार्यशाला की पूरी तैयारी आनंदम सहयोगी राजेश शर्मा द्वारा की गई। कार्यशाला का समापन उपस्थित शासकीय सेवकों को प्रमाण पत्र वितरण कर किया गया। आभार जनपद पंचायत के समाज और आनंद विभाग के प्रमुख योगेश परमार द्वारा किया गया।

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