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सूखा राहत दल ने अधिकारियों और ग्रामीणों से जानी ग्वालियर जिले की स्थिति



केन्द्रीय सूखा राहत दल ने बुधवार को ग्वालियर जिले में अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न स्थिति के संबंध में कलेक्टर और विभागीय अधिकारियों से चर्चा की। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर किसानों से रू-ब-रू हुए। कलेक्टर श्री राहुल जैन ने सूखा राहत दल को बताया कि अल्प वर्षा के कारण ग्वालियर में किसानों की फसल को नुकसान हुआ है। इसके साथ ही पेयजल की भी दिक्कतें सामने आ रही हैं। उन्होंने बताया कि अल्प वर्षा के कारण लगभग 48 प्रतिशत क्षेत्र में किसानों द्वारा बोनी नहीं की जा सकी है। जिन क्षेत्रों में बोनी की गई है, उनमें भी पानी की कमी के कारण खेती-किसानी के साथ पेयजल की समस्या निर्मित हो रही है।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल वितरण के लिये कमी महसूस की जा रही है। ग्वालियर शहर में तिघरा जलाशय के माध्यम से पेयजल का वितरण किया जाता है। डैम में पानी की कमी के दृष्टिगत ककैटो डैम से पम्पिंग के माध्यम से तिघरा में पानी लाने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिये शासन द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई गई है। पम्पिंग का कार्य 9 करोड़ 35 लाख रूपए का टेण्डर स्वीकृत कर प्रारंभ किया गया है।

कलेक्टर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी की कमी है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी परिवहन का कार्य नहीं किया जा रहा है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी वितरण के लिये एक विस्तृत कार्य-योजना भी तैयार की गई है। अल्प वर्षा के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के माध्यम से कार्य कराए जा रहे हैं। जिले में 12 हजार 868 कार्य वर्तमान में प्रगति पर हैं। जिले में 171 नवीन तालाबों का निर्माण भी कराया गया है। लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये मनरेगा से निरंतर कार्य स्वीकृत करने की प्रक्रिया की जा रही है। सूखा राहत दल के सदस्यों ने चर्चा के दौरान कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अधिक से अधिक लाभ मिले, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।

सूखा राहत दल ग्रामीणों से हुआ रू-ब-रू

सूखा राहत दल ने ग्वालियर के घाटीगाँव विकासखण्ड के बरखेड़ा गाँव पहुँचकर किसानों से चर्चा की। उन्होंने किसान चरन सिंह आदिवासी के खेत पर पहुँचकर फसल देखी। किसानों द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा उड़द की फसल बोई गई थी, परंतु अल्प वर्षा के कारण फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। वर्तमान में किसान द्वारा चने की फसल बोई गई है। पानी की कमी के कारण चने की फसल भी खराब होने की स्थिति में है। किसानों द्वारा बताया गया कि क्षेत्र में अल्प वर्षा के कारण खेती किसानी पूरी तरह से प्रभावित हुई है और पीने के पानी की समस्या भी सामने खड़ी है। दल ने श्रीमती अंगूरी देवी के खेत को भी देखा। उनके द्वारा भी अल्प वर्षा के कारण खेती पूरी तरह से खराब होने की बात कही गई।

सूखा राहत दल आरोन गाँव के पंचायत भवन में भी पहुँचा और गाँव में उपस्थित किसानों से चर्चा की। चर्चा के दौरान किसानों द्वारा अवर्षा के कारण खेती पूरी तरह प्रभावित होने की बात कही गई। इसके साथ ही गाँव के हैण्डपम्प में भी पानी न आने की बात कही गई। चर्चा के दौरान बताया गया कि गाँव में वाटर लेवल 280 फीट तक पहुँच गया है। चर्चा के दौरान महिलाओं ने भी पानी की समस्या और रोजगार की समस्या से दल को अवगत कराया। गाँव की सरपंच श्रीमती रजनी अतुल शर्मा ने गाँव में अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न स्थिति के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

सूखा राहत दल के सदस्य इसके पश्चात ककेटो डैम पहुँचे। ककेटो डैम से पम्पिंग के माध्यम से पानी ग्वालियर के तिघरा जलाशय में लाने का कार्य किया जा रहा है। दल के सदस्यों ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में विस्तार से चर्चा की।

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