दिल्ली-NCR में छाया स्मॉग, IMA ने स्कूल बंद रखने के लिए लिखा पत्र
नई दिल्ली। दिल्ली की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है। मंगलवार को राजधानी में घना कोहरा छाया हुआ था और इसके चलते पूरी दिल्ली में दृश्यता 50 मीटर रही। लोगों को एक बार स्मॉग ने घेर लिया है और इसके चलते सांस लेने में दिक्कत के अलावा आंखों में जलन की शिकायतें सामने आईं।
प्रदूषण के इस स्तर को देखते इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार को पत्र लिखकर अगले कुछ दिन स्कूल बंद रखने का आग्रह किया है। आईएमए के अध्याक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि आईएमए ने दिल्ली में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा करता है। स्कूल बंद किए जाने चाहिए और लोग भी अपने घरों से ज्यादा बाहर ना निकलें।
मौसम विभाग ने कहा है कि अगले दो-तीन दिनों तक यह स्थिति बनी रह सकती है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत के अलावा आंखों में जलन की शिकायत भी हो सकती है। दृश्यता कम होने की वजह से दिल्ली आने और जाने वाली 11 ट्रेनें देरी से चल रही हैं।
मौसम विभाग इसकी वजह एनसीआर के स्मॉग और तापमान में हो रहे बदलाव को मान रहा है। मगर एक्सपर्ट्स के अनुसार जो नियम बन रहे हैं, वास्तविकता में उन पर अमल नहीं हो रहा है। इसी वजह से दिल्ली में प्रदूषण स्तर भी बढ़ रहा है। दिल्ली की हवा खराब होने के कई कारण हैं।
सोमवार सुबह दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में हवा में प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक देखा गया। दिल्ली के लोधी रोड इलाके में पीएम का स्तर कई गुना ज्यादा है।
मौसम में बदलाव के आसार नहीं
मौसम में किसी तरह का बदलाव न होने की वजह से इस बार ठंड नहीं आ पा रही है। नवंबर की शुरुआत सामान्य से गर्म हुई है। पिछले दो साल में नवंबर में तापमान 30 डिग्री नहीं रहा है।
हवा की गति कम होने और दिशा में बदलाव न होने की वजह से सर्दी नहीं बढ़ पा रही है। इस पर प्रदूषण की वजह से भी इस समय सर्दी कुछ देरी से आती दिखाई दे रही है। 12 नवंबर तक किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं है।
एयरलॉक की आशंका वाली स्थिति दो दिन आगे खिसक जाने से सोमवार को वायु प्रदूषण नियंत्रण में रहा। दिन में दिल्ली एनसीआर में कहीं भी वायु प्रदूषण उस दमघोंटू स्तर पर नहीं पहुंचा, लेकिन देर शाम स्थिति बदल गई। मंगलवार को भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति बने रहने की संभावना है।
आनंद विहार, डीटीयू और आइटीओ दिल्ली के सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र रहे। सोमवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का औसत स्तर 356, जबकि एनसीआर में 345 रहा।
मौसम विज्ञानियों ने आशंका जताई थी कि सोमवार को दिल्ली में दक्षिणी पूर्वी और उत्तर पश्चिमी हवाएं आपस में टकराएंगी। इससे हवा की गति स्थिर हो सकती है। ऐसे में प्रदूषक तत्व धुंध या कोहरे में जम जाएंगे और स्मॉग को घना कर देंगे।
इस स्थिति को एयरलॉक कहा जाता है, लेकिन सोमवार को ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। दिन में हवा की गति 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटे तक बनी रही। यही वजह है कि वातावरण की नमी में जमा प्रदूषक तत्व साथ-साथ उड़ते रहे। मंगलवार को भी हवा की गति ऐसी ही बनी रहेगी।
बुधवार को हवा की गति मंद पड़ सकती है। उस दिन वायु प्रदूषण का स्तर भी ज्यादा जा सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव ए. सुधाकर ने बताया कि सोमवार को आनंद विहार दिल्ली- एनसीआर का सर्वाधिक प्रदूषित इलाका रहा।
यहां पर वायु प्रदूषण का इंडेक्स 473 रिकार्ड किया गया। पूसा और आया नगर में सबसे कम प्रदूषण रहा। यहां पर वायु प्रदूषण का इंडेक्स क्रमश: 265 और 280 रिकार्ड हुआ।
टास्क फोर्स की बैठक आज, मांगी जाएगी कार्रवाई रिपोर्ट
अगले सप्ताह वायु प्रदूषण की संभावित स्थिति और इस दिशा में रणनीति तय करने के लिए मंगलवार को टास्क फोर्स की बैठक होगी। इसमें पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण -संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) और सीपीसीबी सहित दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
इस बार बैठक में स्थानीय निकायों को भी तलब किया गया है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के विभिन्न प्रावधानों के क्रियान्वयन को लेकर उनसे कार्रवाई रिपोर्ट मांगी जाएगी।