गोकुल महोत्सव में पशु-पालकों के घर-घर पहुँचा पशुपालन विभाग
करीब एक लाख शिविरों में 2 करोड़ पशुओं का पंजीयन
इस वर्ष गोकुल महोत्सव 27 अक्टूबर से प्रारंभ होगा
पशुपालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य के निर्देश पर पिछले वर्ष दो चरणों में गोकुल महोत्सव का आयोजन आरंभ हुआ। दीपावली और होली के बाद हुए गोकुल महोत्सव के दौरान प्रदेश में ग्राम-स्तर पर 98 लाख 397 पशु चिकित्सा शिविर लगाए गए। पशु-पालकों के घर जाकर उनके पशुओं की समस्याओं का निदान करने के साथ केन्द्र शासन के पीपीआर कंट्रोल प्रोग्राम का भी क्रियान्वयन किया गया। पशुधन संवर्धन और सुरक्षा के लिए यह एक क्रांतिकारी पहल है। इस वर्ष गोकुल महोत्सव गोपा अष्टमी 27 अक्टूबर से प्रारंभ होगा।
गोकुल महोत्सव में गत वर्ष 33 लाख 22 हजार 27 पशु-पालकों और एक करोड़ 94 लाख 53 हजार 82 पशुओं का पंजीयन किया गया। इस दौरान पशु उपचार के 33 लाख 11 हजार 648, टीकाकरण के एक करोड़ 14 लाख 78 हजार 819, बधियाकरण के 2 लाख 94 हजार 41, कृत्रिम गर्भाधान के 58 हजार 233, बांधपन उपचार के 5 लाख 5 हजार 249, गर्भ परीक्षण के 3 लाख 15 हजार 409, पशु बीमा के 13 हजार 97, शल्य चिकित्सा के 34 हजार 196 और औषधि वितरण के 92 लाख 7 हजार 253 कार्य हुए।
गोकुल महोत्सव का उद्देश्य पशुपालन व्यवसाय को अधिक लाभकारी बनाने के लिए उन्नत पशु-पालन और वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी पशु-पालकों को देना, गाँव-गाँव एवं घर-घर जाकर प्रदेश के विशाल पशुधन को पशु चिकित्सा, टीकाकरण, बांझपन उपचार, औषधि आदि प्रदान करते हुए पशुओं की समस्त समस्याओं का निदान करना है। साथ ही महोत्सव के दौरान हितग्राहीमूलक योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर दूर-दराज के क्षेत्रों के पशु-पालकों को भी लाभान्वित किया जाता है। प्रदेश में वर्ष 2016-17 से प्रारंभ गोकुल महोत्सव का पहली बार आयोजन 31 अक्टूबर-2016 से और द्वितीय चरण 14 मार्च-2017 से एक-एक माह के लिये किया गया।
सुनीता दुबे