आरुषि हत्याकांड : हाईकोर्ट से बरी होने के बाद आज तलवार दंपति को मिल सकती है जेल से रिहाई
गाजियाबाद: देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि हत्याकांड में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया. आज ये दोनों डासना जेल से रिहा हो सकते हैं. नवंबर 2013 में गाजियाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने तलवार दंपती को बेटी के कत्ल का दोषी ठहराया था. तब से वे गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं. हाईकोर्ट ने उन्हें फौरन बरी करने का आदेश दिया है.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद 4 साल से जेल में बंद आरुषि के माता-पिता को बड़ी राहत मिली है. मामले की जांच के दौरान किए गए दावों पर पानी फिर गया है. पहले यूपी पुलिस और फिर सीबीआई की जांच के बाद भी ये मामला आज एक डेडएंड पर है. कातिल कौन है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को आरुषि के माता-पिता राजेश तलवार और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दोनों को संदेह का लाभ मिलना चाहिए क्योंकि निचली अदालत का फैसला ठोस सबूतों पर नहीं बल्कि हालात से उपजे सबूतों के आधार पर था. इससे पहले 25 नवंबर 2013 को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट ने हालात से जुड़े सबूतों के आधार पर दोनों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी, जिसके खिलाफ जनवरी 2014 में दोनों ने इलाहाबाद हाइकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.
क्या था मामला
16 मई 2008 की रात को नोएडा के जलवायु विहार में आरुषि की उसके ही घर में हत्या कर दी गई थी. एक दिन बाद उसके नौकर हेमराज का शव उसी घर की छत से मिला. 5 दिन बाद पुलिस ने ये दावा करते हुए आरुषि के माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया कि राजेश ने आरुषि और हेमराज को आपत्तिजनक हालत में देखने के बाद दोनों की हत्या कर दी.