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पी.पी.पी. मोड पर 2881 करोड़ से कचरे से बनेगी बिजली और खाद


एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना

प्रदेश में ठोस अपशिष्ट के बेहतर प्रबंधन के लिए उचित आधुनिक एवं वैज्ञानिक व्यवस्था की जा रही है। इस व्यवस्था में प्रदेश के सभी 378 नगरीय निकायों को 26 क्लस्टर में बाँट कर जन-निजी भागीदारी (पी.पी.पी. मोड) से एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें 6 क्लस्टर आधारित परियोजनाएँ कचरे से बिजली (waste to energy) तथा 20 परियोजनाएँ कचरे से खाद बनाने (waste to compost) का काम करेंगी।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जिन 26 क्लस्टर्स में इस परियोजना को लागू किया गया है उनमें भोपाल, रीवा, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर तथा रतलाम में कचरे से बिजली का उत्पादन किया जायेगा। इस परियोजना को जबलपुर में सफलता से क्रियान्वित कर 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। रुपये 1555 करोड़ की लागत की सभी 6 परियोजना के क्रियान्वयन के बाद प्रदेश के 78 निकाय में प्रतिदिन के लगभग 3500 टन कचरे से 72 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा। इन क्लस्टर के तहत भोपाल क्षेत्र के 8 नगरीय निकाय, रीवा के 28, ग्वालियर के 16, जबलपुर 16 तथा रतलाम क्षेत्र के 17 नगरीय निकाय शामिल है।

कचरे से खाद बनाने वाले 20 परियोजनाएँ, कटनी, सागर, होशंगाबाद, उज्जैन, देवास, खंडवा, भिण्ड, छिन्दवाड़ा, छतरपुर, बैतूल, दमोह, शहडोल, बड़वानी, नीमच, बालाघाट, विदिशा, गुना, सिंगरौली, शिवपुरी तथा शाजापुर शामिल है। रुपये 1326 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाली इन परियोजनाओं से 300 निकाय से लगभग 3000 टन कूड़े से 450 टन जैविक खाद का उत्पादन किया जायेगा। इसमें कटनी के 5 नगरीय निकाय, सागर के 11, होशंगाबाद के 14, देवास के 24, खंडवा के 10, भिंड के 14, छिन्दवाड़ा के 20, छतरपुर के 33, बैतूल के 8, दमोह के 7 और शहडोल क्षेत्र के 16 नगरीय निकाय को शामिल किया गया है।

चिन्हित 26 क्लस्टर्स में से 9 क्लस्टर्स पर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शेष 17 क्लस्टर्स की टेंडर व मूल्यांकन प्रक्रिया जारी है।

बिन्दु सुनील

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