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आप कर्ता नहीं, घटनाओं की एक कड़ी हैं संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर ने सेवा निवृत्ति पर कहा



    उज्जैन । एक जनवरी 1980 से 31 मार्च 2017 तक मध्य प्रदेश शासन में पूरी कर्मठता, निष्ठा एवं कार्य कुशलता के साथ सफल सेवाएं देने के पश्चात आज शुक्रवार को सेवा निवृत्त हुए उज्जैन संभाग के आयुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर ने अपने सेवाकाल के अनुभवों का निचोड़ बताते हुए कहा कि आप कर्ता नहीं, घटनाओं की एक कड़ी हैं। यदि कोई सफल आयोजन या कार्य होता है तो उसके लिये पूरा परिवेश जिम्मेदार होता है, एक व्यक्ति नहीं। सिंहस्थ-2016 में भी ऐसा ही अनुभव हुआ। सेवा निवृत्ति पर डॉ.रवीन्द्र पस्तोर को आज मेला कार्यालय के सभाकक्ष में अधिकारियों द्वारा भावभीनी विदाई दी गई। इस अवसर पर एडीजी श्री व्ही.मधुकुमार, अपर कमिश्नर डॉ.अशोक भार्गव, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, पुलिस अधीक्षक श्री एमएस वर्मा, वन संरक्षक श्री अन्नागिरी सहित संभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
    श्री पस्तोर ने उन्हें दिये गये गुलदस्ते का उदाहरण बताते हुए कहा कि यदि वे मानते हैं कि गुलदस्ता उनका है, तो यह उनका भ्रम है। गुलदस्ते को तैयार होने में किसान से लेकर फूल बेचने वाले तक की कड़ी मेहनत एक श्रृंखला के रूप में है। गुलदस्ता खरीदने वाला तो उस श्रृंखला की एक कड़ीमात्र है। यदि वह स्वयं को कर्ता मानता है तो यह उसका भ्रम ही होगा।
लीडरशिप की परिभाषा गोस्वामी तुलसीदास ने दी
    डॉ.पस्तोर ने बताया कि उन्होंने लीडरशिप की परिभाषा गोस्वामी तुलसीदासजी के एक दोहे से सीखी है तथा उसी को उन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान अमल में लाया है। मुखिया अथवा लीडर अपने मुंह की तरह होना चाहिये, जो कि अपने शरीर के प्रत्येक अंग को खाने-पीने के माध्यम से एकसमान शक्ति देकर विवेकपूर्ण तरीके से पालता है।
“मुखिया मुख सो चाहिए, खानपान सो एक
पालहि पोसहि सकल अंग, तुलसी सहित विवेक।“
अब सेवा ‘इंस्टेंट’ हो गई है
    डॉ.पस्तोर ने बताया कि जब वे शासकीय सेवा में आये थे, उस समय सेवाएं सिर्फ सरकार देती थी, परन्तु आज परिदृश्य बिलकुल बदल गया है। अब सेवाएं देने वाली बहुत-सी एजेन्सियां हैं तथा अब ‘इंस्टेंट’ का जमाना है। सेवाओं में अब किसी प्रकार का विलम्ब नहीं होना चाहिये। शासकीय सेवक यह प्रयास करे कि जनता को शीघ्र से शीघ्र सेवा दे पाये। जब कोई आपके पास किसी कार्य के लिये आये तो आप उसकी जगह स्वयं को खड़ा करें, उसकी तकलीफ समझें तथा उसे सेवा प्रदाय करें।
सकारात्मकता गीता से सीखें
    डॉ.पस्तोर ने बताया कि एक शासकीय सेवक शासकीय सेवा के निष्पादन में हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। सकारात्मक दृष्टिकोण भगवदगीता से सीखें। आपकी ‘पॉजिटिव फ्रेम ऑफ माइंड’ हो। आपकी पूरी फिल्म बनी हुई है, निर्देशक को पूरी कहानी पता है। आपका काम है सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य करना, अच्छे परिणाम अपने-आप आ जायेंगे।

‘वंडरफुल बुक टू रीड, ब्यूटीफुल मूवी टू वॉच’
    विदाई समारोह में एडीजी श्री व्ही.मधुकुमार ने डॉ.रवीन्द्र पस्तोर के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे ‘वंडरफुल बुक टू रीड, ब्यूटीफुल मूवी टू वॉच’ अर्थात उनका व्यक्तित्व एक बेहतरीन किताब है, जिसे पढ़ा जा सके तथा एक सुन्दर चलचित्र है, जिसे देखा जा सके। डॉ.पस्तोर एक सरल, सहज तथा बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं।
    एडीजी श्री मधुकुमार ने कहा कि डॉ.रवीन्द्र पस्तोर एक कन्वेंशनल आफिसर नहीं बल्कि इनोवेटिव तथा अप टू डेट आफिसर हैं। उनमें एक शिक्षाविद, प्लानर, अर्थशास्त्री और एक अच्छा टेक्नोक्रेट छिपा हुआ है। डॉ.पस्तोर नई चुनौतियां स्वीकार करने में पीछे नहीं रहते। सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन में उनके अनुभवों का लाभ मिला और सिंहस्थ सफल हुआ। श्री व्ही.मधुकुमार ने सेवा निवृत्ति पर डॉ.पस्तोर के दीर्घ जीवन एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
    पुलिस अधीक्षक श्री एमएस वर्मा ने इस अवसर पर कहा कि जिस तरह योजनाएं बनाकर सिंहस्थ जैसे आयोजन को सफल बनाया गया, वह केवल डॉ.रवीन्द्र पस्तोर के बस में ही था। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जब भी वे पुलिस की आवश्यकताओं का प्रस्ताव लेकर संभागायुक्त के पास गये, उन्होंने खुले मन से न केवल स्वीकारा, बल्कि प्रस्ताव की मंजूरी की जिम्मेदारी भी उठाई। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ में भीड़ प्रबंधन इसलिये भी चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि यहां पर कम चौड़ी सड़कों के साथ करोड़ों लोगों का प्रबंधन करना था। श्री वर्मा ने संभागायुक्त द्वारा ली जाने वाली स्टेण्डअप बैठकों का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हीं बैठकों में लिये गये निर्णयों की वजह से सिंहस्थ का सफल आयोजन हुआ है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि डॉ.पस्तोर न केवल अच्छे व संवेदनशील प्रशासक थे, बल्कि वे प्रशासनिक कार्यों में नवाचार लाने वाले चिन्तक भी थे। हमें डॉ.पस्तोर की सकारात्मक कार्य प्रणाली से सीख लेने की आवश्यकता है।
शासकीय सेवा का अन्तिम पड़ाव सेवा निवृत्ति है
डॉ.पस्तोर अपने अनुभवों पर किताब लिखें –डॉ.अशोक भार्गव
    कार्यक्रम में अपर आयुक्त राजस्व डॉ.अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि शासकीय सेवा मंन अन्तिम पड़ाव सेवा निवृत्ति होता है और यह हर किसी के जीवनकाल में आता है। उन्होंने कहा कि सेवा निवृत्त हो रहे संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर यदि अपने दीर्घकालीन प्रशासनिक अनुभवों पर पुस्तक लिखें तो नई पीढ़ी के अधिकारियों का मार्गदर्शन हो सकेगा। अपर आयुक्त ने कहा कि आज ऐसा क्षण है, जब डॉ.पस्तोर हमसे विदा ले रहे हैं और सभी लोग भाव-विभोर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि होने न होने का क्रम चलता रहेगा और हम है हम रहेंगे यह भ्रम भी पलता रहेगा, किन्तु जो व्यक्ति निष्काम भाव से सेवा करता है, उस पर इन परिवर्तनों का असर नहीं पड़ता है। डॉ.भार्गव ने कहा कि एक जनवरी 1980 को शासकीय सेवा प्रारम्भ कर डॉ.रवीन्द्र पस्तोर आज सेवा निवृत्त हो रहे हैं। उनके प्रशासनिककाल के बारे में कहा जा सकता है कि कबीर की तरह उन्होंने भी चदरिया ज्यों की त्यों धर दी। अपर आयुक्त ने कहा कि हम सबके लिये यह एक भावुक क्षण है। सहज, सरल और निर्मल मन के धनी डॉ.रवीन्द्र पस्तोर आखिर तक अन्दर व बाहर दोनों ही तरफ से पारदर्शी बने रहे। हम सब उनके मंगलमय जीवन की कामना करते हैं।
    कार्यक्रम के अन्त में कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर दिखावे के आदी नहीं हैं और अत्यन्त मुश्किल से उन्हें विदाई समारोह के लिये मनाया गया। इसके लिये कलेक्टर ने सभी का आभार माना। कार्यक्रम का संचालन डॉ.संदीप नाडकर्णी ने किया। इसके पूर्व संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर ने सुमधुर विदाई गीत प्रस्तुत किया।
स्मृति चिन्ह भेंट किया गया
    सम्मान समारोह में संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर को स्मृति चिन्ह भेंट किये गये। इस अवसर पर एडीजी श्री व्ही.मधुकुमार, अपर आयुक्त श्री अशोक भार्गव, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, पुलिस अधीक्षक श्री एमएस वर्मा, संभागायुक्त कार्यालय के कर्मचारी एवं अधिकारी मौजूद थे। विदाई समारोह में उपायुक्त राजस्व श्री पवन जैन, अतिरिक्त कलेक्टर सुश्री रानी बंसल, अपर कलेक्टर श्री बसन्त कुर्रे, संयुक्त कलेक्टर श्री केके रावत, श्री रजनीश श्रीवास्तव, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती शैली कनास, यूडीए सीईओ श्री अभिषेक दुबे, एसडीएम बड़नगर श्री अविप्रसाद, एसडीएम नागदा श्रीमती रिजु बाफना, उज्जैन एसडीएम श्री क्षितिज शर्मा, तराना एसडीएम श्री शाश्वत मीणा एवं संभाग एवं जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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