नदियों, वृक्षों और पहाड़ों से प्रेम करें - राष्ट्र संत श्री मुरारी बापू
उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में नशामुक्ति का आंदोलन चलेगा। इसके प्रथम चरण में नर्मदा नदी के दोनों तटों पर पाँच-पाँच किलोमीटर की शराब की दुकानें आगामी एक अप्रैल से बंद कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि नदियाँ बचेंगी तो मानव सभ्यता और संस्कृति बचेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आगामी दो जुलाई को अमरकंटक से बड़वानी तक नर्मदा के तट पर लाखों लोग करोड़ों पेड़ लगायेंगे। नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी है। यह मध्यप्रदेश की समृद्धि का आधार है। प्रदेश के दर्जनों शहरों को पेयजल उपलब्ध कराती है। इसकी कृपा से मध्यप्रदेश को चार बार कृषि कर्मण अवार्ड मिला है। यह प्रदेश को सिंचाई के लिए जल और बिजली उपलब्ध कराती है। नर्मदा सेवा यात्रा नर्मदा को बचाने और उसका कर्ज उतारने की यात्रा है। उन्होंने कहा कि नर्मदा के दोनों तटों के शहरों में ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जाएंगे। नर्मदा के तटों पर पेड़ लगायें, इसके किनारे के गाँवों में हर घर में शौचालय बनायें, पूजन-सामग्री पूजन कुण्ड में डालें। नर्मदा के किनारे चेंजिंग रूम और मुक्तिधाम बनाये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों के साथ दुराचार करने वालों को फाँसी की सजा देने का कानून बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि बेटियों को बचायें, हर बच्चे को स्कूल भेंजे। उन्होंने कहा कि नर्मदा के लिये नर्मदा कोष की स्थापना की जायेगी। इस कोष की शुरूआत में संत मुरारी बापू ने 11 हजार रूपये का योगदान दिया है। संत कमल किशोर नागर ने ओंकारेश्वर के नर्मदा घाटों के जीर्णोद्धार के लिये एक करोड़ एक लाख रूपये की राशि देने की घोषणा की है।
राष्ट्र संत श्री मुरारी बापू ने कहा है कि नदियों, वृक्षों और पहाड़ों को प्रेम करें क्योंकि जिससे हम प्रेम करेंगे उसे प्रदूषित नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान एक अनुष्ठान के रूप में शासन चला रहे हैं। अनुष्ठान के रूप में शासन से अद्भुत परिणाम मिलते हैं। ऐसा मानव होना चाहिए जो सर्वभूतों के कल्याण में रत हो। सबके कल्याण का संकल्प लें। सरकार के साथ जन-जन जुड़े। स्वच्छता अभियान से जुड़ें। मुरारी बापू ने प्रदेश सरकार को आगामी एक अप्रैल से नर्मदा तट की शराब की दुकानें बंद करने के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि वे स्वयं पाँच पेड़ लगायेंगे।
संत श्री कमल किशोर नागर ने कहा है कि माँ नर्मदा का जल भगवान महादेव के शरीर से निकला हुआ परम तत्व है। नदी के इस पवित्र जल को पूजन सामग्री एवं गंदगी डालकर गंदा नहीं करें। नर्मदा का प्रवाह अगर कमजोर हुआ, तो भावी पीढ़ियाँ प्रभावित होंगी। उन्होंने बेटियों के मान-सम्मान की रक्षा करने की अपील की। उन्होंने कहा है कि अच्छे कार्य को सदैव प्रोत्साहित और बुरे कार्य को हतोत्साहित करना चाहिए।
यूनिसेफ के भारत प्रमुख श्री ल्यूस जार्ज ने कहा है कि नर्मदा सेवा यात्रा विश्व का अनूठा अभियान है, जिसमें नदी के संरक्षण के लिए समाज और सरकार मिलकर काम कर रहे हैं। सिक्ख धर्मगुरू श्री ज्ञानी दिलीप सिंह ने कहा कि पानी जीवन है। नर्मदा सेवा यात्रा जीवन को बचाने का अभियान है।