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नई उमंग व हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया नये वर्ष का, विक्रमोत्सव के अंतर्गत नवसंवत्सर का अभिनंदन



    उज्जैन । प्रात: काल का समय , पक्षियों का चारों ओर गुंजायमान कलरव , मोक्षदायिनी क्षिप्रा और उसके जल में प्रतिबिंबित होती भारतीय नववर्ष के प्रथम दिवस की दैदीप्यमान व तेजोमयी सूर्य की किरणें , ऐसे में जब उज्जैन की पवित्र धरती , जिस पर सम्राट वीर विक्रमादित्य द्वारा विक्रमसंवत की नींव रखी गई हो और जिसे भारतीय व सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले नववर्ष के रूप में सारे देश व संसार में मनाया जाता हो वहा नववर्ष का आव्हान किया जाए तो उसका महत्व सहस्त्र गुना बढ़ जाता है। 

    कुछ ऐसा ही नजारा आज मंगलवार को भारतीय नवसंवतसर विक्रम संवत् 2074 की अलसुबह शिप्रा नदी के तट पर देखने को मिला । शहर में विगत एक सप्ताह से आयोजित किये जा रहे विक्रमोत्सव के अंतर्गत भारतीय नववर्ष का अभिनंदन प्रात: सूर्योदय के समय वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया। वेदिक मंत्रोच्चार से संपूर्ण वातावरण में शुध्दता और हर्षोल्लास की अनोखी छटा बिखर गई। इस दौरान विक्रमोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष व विधायक डॉ. मोहन यादव , संत स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज , संत श्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज और अनुष्ठान मंडपम ज्योतिष अकादमी के पंडित श्याम नारायण व्यास आदि मौजूद थे। 

    वेद बटुकों द्वारा वेद मंत्रोउच्चार के पश्चात आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ व सूर्य को अर्ध्य दिया गया। यह आयोजन संस्कार भारती नव संवतसर वर्षाभिनंदन समिति एवं अनुष्ठान मंडपम ज्योतिष अकादमी द्वारा किया गया। विधायक डॉ. मोहन यादव तथा अन्य अतिथियों द्वारा इस अवसर पर सभी को मंगलकामनाएं व नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दी गई। इस अवसर पर निनाद नृत्य अकादमी की बालिकाओं द्वारा नृत्यांजली प्रस्तुत की गई। अतिथियों द्वारा नव वर्ष के सिंहस्थ-महाकाल पंचांग का  विमोचन भी किया गया।  

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