पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग को लेकर एकजुट हुए पत्रकार
उज्जैन। पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने को लेकर नेशनल मीडिया फाउंडेशन और उज्जैन प्रेस क्लब द्वारा एक परिचर्चा और वाहन रेली का आयोजन शनिवार को किया गया जिसमें केन्द्र और प्रदेश सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को लेकर संभागायुक्त को ज्ञापन भी दिया गया।
लगातार 13 वर्षों से मध्यप्रदेश में 230 पत्रकारों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं और कई पत्रकारों की हत्या हो चुकी है। इसे लेकर नेशनल मीडिया फाउंडेशन दिल्ली और सोसायटी फाॅर प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में विशाल वाहन रेली निकाली गई। रेली में बड़ी संख्या में उज्जैन संभाग और शहर सहित भोपाल के पत्रकार शामिल हुए। रेली को बालयोगी उमेश नाथ महाराज और जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार, चेतन यादव ने हरी झंडी दिखाई। प्रेस क्लब से शुरू हुई वाहन रेली देवास रोड, तीन बत्ती, टाॅवर, शहीद पार्क, संजीवनी चोराहा होते हुए कोठी पहुंची जहां नेशनल मीडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र जैन और प्रेस क्लब अध्यक्ष विशाल हाडा के नेतृत्व में सैकडो पत्रकारों ने संभागायुक्त के प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोंपा। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अनिल चंदेल, शैलेन्द्र कुल्मी, भूपेंद्र दलाल, द्वारकाधीश चैधरी, जय कौशल, राजेश जोशी, उमेश चैहान, राजा पटेल, प्रमोद व्यास, किशोर दग्धि, आशीष जैन सहित 500 से अधिक पत्रकार मौजूद रहे। यहां प्रेस क्लब अध्यक्ष ने पत्रकार सुरक्षा कानून की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। परिचर्चा में वरिष्ठ पत्रकार अनिलसिंह चंदेल, शैलेन्द्र कुल्मी, सुनील जैन, रमेश दास, संदीप कुलश्रेष्ठ, राजेश माली, गोपालजी, विशाल हाड़ा, राजेन्द्र जैन ने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहकर पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने जाने के विषय में बात रखी। परिचर्चा का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चित्र पर द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। नेशनल मिडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कहा की मध्यप्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में लगातार प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया के पत्रकारों पर हो रहे हमलों को लेकर मीडियाकर्मी लगातार सरकार और केन्द्र शासन से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिए मांग करती आ रही है। देशभर के विभिन्न पत्रकार संगठन अपने-अपने माध्यम से मय-समय पर केन्द्र और राज्य सरकारों को ज्ञापन देकर और गृहमंत्रियों से मुलाकात कर पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग करती आ रहे है लेकिन केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा आज तक पत्रकार सुरक्षा कानून नहीं बनाए जाने को लेकर पत्रकारजन खफा हैं।