आपदा प्रबंधन के गुर सिखाये गये कार्यशाला में प्रशासन ने की है पुख्ता तैयारी
उज्जैन | राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान तथा जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से एक कार्यशाला शनिवार को उज्जैन में आयोजित की गई। कार्यशाला में विभिन्न आपदाओं के दौरान बचाव तथा प्रबंधन के सम्बन्ध में वक्ताओं द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कार्यशाला में आपदाओं से निपटने के लिये ईजाद किये गये नवीन उपकरणों को भी प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, पुलिस अधीक्षक श्री एमएस वर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्री केके रावत, एसडीएम श्री क्षितिज शर्मा, डिवीजनल कमांडेंट होमगार्ड श्री बीपी वर्मा, जिला कमांडेंट श्री सुमत जैन तथा शासकीय विभागों के अधिकारी व नागरिक उपस्थित थे।
आपदा से निपटने के लिये पूर्व तैयारी अत्यन्त महत्वपूर्ण
कार्यशाला में कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने आपदा प्रबंधन की छोटी-छोटी बातों से अवगत कराया। उन्होंने सुनियोजित तैयारी पर जोर देते हुए कहा कि आपदाओं के दौरान इनसे निपटने के लिये इनकी पूर्व तैयारी ज्यादा मायने रखती है। हम पहले से तैयार रहें। किसी भी आपदा के दौरान शुरूआती समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। उज्जैन जिले के सन्दर्भ में कलेक्टर ने बताया कि जिले की आपदा प्रबंधन योजना में हमारे द्वारा उन स्थानों को मेप पर चिन्हांकित किया गया है, जहां किसी भी समय आपदा की स्थिति निर्मित हो सकती है। इससे निपटने के लिये हमने पूर्व तैयारियों का ध्यान रखा है। जिले की प्रत्येक तहसील में दो-दो हेलीपेड तैयार किये जा रहे हैं। गेल गैस लाइन, नागदा फेक्ट्री जैसे कुछ स्थानों के लिये हमने विशेष योजना तैयार की है। इसके अलावा भीड़ प्रबंधन के उपायों के बारे में भी हम सदैव सचेत हैं। अभी गर्मियों में नरवाई नहीं जलाने के बारे में भी प्रशासन द्वारा धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किये गये हैं। वर्षा के दौरान बाढ़ नियंत्रण के लिये भी सुनियोजित प्रबंध पर जोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं को रोकने तथा ऐसा होने पर क्या बेहतर प्रबंध किये जा सकते हैं, इसकी प्लानिंग की गई है।
कलेक्टर ने कहा कि आपदा प्रबंधन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसकी समय से पहले तैयारी रखना जरूरी है। शासन द्वारा इसके बारे में कड़े नियम-कानून बनाये गये हैं। कार्यशाला में आपदा प्रबंधन पर स्लाइड्स भी प्रदर्शित की गईं। कलेक्टर ने होशंगाबाद जिले में आपदा प्रबंधन के लिये किये गये कार्य-अनुभव भी साझा किए।
पुलिस अधीक्षक ने बताए भीड़ प्रबंधन के गुर
पुलिस अधीक्षक श्री एमएस वर्मा ने कार्यशाला में भीड़ प्रबंधन के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। उन्होंने भीड़ के दौरान अपनाई जाने वाली कार्य योजना के छोटे-छोटे टिप्स दिये। किसी स्थान पर भीड़ के दौरान भगदड़ नहीं मचे, इसके लिये कैसे भीड़ का दबाव नहीं बने, लोगों को छोटी-छोटी लाइन में आगे मूव किया जाये, भीड़ के सतत परिचालन तथा ट्रैफिक जाम की स्थिति में अपनाई जाने वाले उपायों के बारे में अहम जानकारी श्रोताओं को दी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी भी योजना के क्रियान्वयन के दौरान हमें आकस्मिकताओं का भी हमेशा ध्यान रखना होगा। उससे जुड़ी हुई छोटी-छोटी बातों के बारे में भी सोचना और सचेत रहना होता है। यातायात प्रबंधन के सम्बन्ध में भी उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व तैयारी से ही विपदा से निपटा जा सकता है। किसी भी आपदा से बचाव हमारी तैयारी पर निर्भर करता है।
राज्य आपदा प्रबंधन के अधिकारी ने दी जानकारी
कार्यशाला में राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल के उप संचालक डॉ.जॉर्ज ने आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। पृथक-पृथक आपदाओं में कैसे योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा सकता है, इसके बारे में बिन्दुवार चर्चा की गई। नगर निगम के फायर ऑफिसर अजयसिंह राजपूत ने भी आपदा प्रबंधन पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। कार्यशाला में गायत्री परिवार, इस्कॉन मन्दिर, बाबा जय गुरूदेव संस्था तथा महाकाल प्रबंधन समिति के लोग भी मौजूद थे।
एसडीआरएफ इन्दौर की टीम ने प्रदर्शित किये आधुनिक उपकरण
कार्यशाला परिसर में इन्दौर से आई 10 सदस्यीय एसडीआरएफ की टीम ने वर्तमान समय में विभिन्न आपदाओं के दौरान उपयोग में आ रहे आधुनिकतम उपकरणों का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी में एयर लिफ्टिंग बैग, स्पाइडर कटर, रेल दुर्घटनाओं या मकान दुर्घटनाओं में उपयोगी आधुनिक उपकरण, वेंटिलेटर, हाइड्रोलिक जेट, हाइड्रोलिक रैम्प सेट, मोटर बोट, रस्से, अग्निशमन कर्मियों द्वारा आपदा के दौरान उपयोग किये जाने वाले सुरक्षा उपकरण, बूट इत्यादि प्रदर्शित किये गये थे।