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केंद्रीय मंत्री ने किया छिड़काव -कीर्ति राणा ( वरिष्ठ पत्रकार )


 कही-सुनी 
कीर्ति राणा  ( वरिष्ठ पत्रकार )    

केंद्रीय मंत्री ने किया छिड़काव 

टीकमगढ़ से सांसद-केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार खटीक ने संसदीय क्षेत्र में रह रह कर उनके खिलाफ दहकते अंगारों पर छिड़काव कर फिलहाल सारी आग ठंडी करने का काम तो कर दिया है।खटीक ने थोक में 62 सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति की थी। इनमें कट्टर पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर नये-नये भाजपाई बने (कांग्रेसी) कार्यकर्ताओं को सिर चढ़ा लिया था। इनमें आशीष तिवारी (चीनी) पर तो सात साल की बालिका से छेड़छाड़ पर पास्को एक्ट में प्रकरण भी दर्ज है। डॉ खटीक की आंख भी तब खुली जब विरोध में कांग्रेस ने मैदान पकड़ा।हो सकता है सारे प्रतिनिधियों की नियुक्ति रद्द करने से भाजपा के विधायक-पूर्व विधायक भी खटीक से खुश हो जाएं। 
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कुर्सी बिना कुम्हलाया कमल ! 

समाज से लेकर सत्ता तक जोड़तोड़ से जीत हांसिल करने के बाद जब अहंकार सिर चढ़ कर बोलने लगता है तो मौका मिलते ही लोग कुर्सी  
की खुमारी उतार कर कैसा झटका देते हैं पूर्व मंत्री कमल पटेल, नरोत्तम मिश्रा से बेहतर कौन जानता है।नरोत्तम ने तो दिल्ली दंडवत कर पार्टी में प्रभाव जमा लिया।पांच बार विधायक, दो बार केबिनेट और एक बार राज्यमंत्री रहने के बाद कुर्सीविहीन कुंठा से बिलबिलाते कमल पटेल ने बैतूल के सांसद दुर्गादास उइके का हरदा से सांसद प्रतिनिधि बनना खुशी खुशी स्वीकार कर लिया।शायद उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री स्व बाबूलाल गौर से प्रेरणा मिली होगी जो शिवराज मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री के रूप में शामिल हुए थे। 
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भरोसे की भैंस ने पाड़ा जन्मा ! 

भाजपा सदस्यता अभियान के पहले चरण में सीहोर जिले में करीब डेढ़ लाख सदस्य बने हैं। आंकड़े सामने आने के बाद सदस्यता अभियान में जहां सीहोर विधानसभा अव्वल रही, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा बुदनी और राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा की विधानसभा इछावर सदस्यता अभियान में सीहोर से पीछे रह गई। सीहोर विधायक सुदेश राय ने न केवल सदस्यता अभियान की जिम्मेदारी को पूरा किया, बल्कि टारगेट से ज्यादा 5 हजार सदस्य जोड़ लिए।बुधनी में उपचुनाव होना है लिहाजा भाजपा के तमाम दावेदार अपने बार कोड से सदस्य बनाने की चतुराई दिखाते रहे।शिवराज समर्थक मान कर चल रहे थे ये सब पूर्व सीएम के बार कोड से सदस्य बनाएंगे तो शिवराज के कोटे में नये सदस्यों की संख्या बढ़ जाएगी। 
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‘खरे’ साबित हो रहे डा. खरे 

राजनैतिक विरोध के चलते महापौर के चुनाव में भले ही डा. निशांत खरे भाजपा के उम्मीदवार ना बन पाये हों लेकिन उसके बाद से संघ और भाजपा में उनका क़द लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्हें पहले प्रदेश में विधानसभा और फिर लोकसभा चुनावों में विशेष ज़िम्मेदारियाँ दी गई और अब महाराष्ट्र के भाजपा प्रभारी केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव के साथ अहम जिम्मेदारी दी गई है। ख़ासकर महाराष्ट्र के आदिवासी इलाक़ों में जहां भाजपा इस समय काफ़ी कमज़ोर नज़र आ रही है वहाँ डा. खरे दिन-रात मेहनत कर पार्टी को जिताने के लिए लगे हैं। वैसे माना जा रहा है कि महाराष्ट्र चुनावों के बाद डा. खरे को पार्टी बड़ी ज़िम्मेदारी दे सकती है।
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जनपद पंचायत में प्रपंच 

रीवां जिले की गंगेव जनपद पंचायत में आयएएस प्रपंच आर्य को सीईओ पदस्थ किये जाने के बाद व्यवस्थाओं में सुधार भी नजर आने लगा है।केरल निवासी और 2023 बैच मप्र कैडर के इस युवा अधिकारी को हिंदी बोलने में भले ही दिक्कत आती हो लेकिन ग्रामीणों को यह खुशी है कि कम से कम इस जनपद से जुड़ी सभी पंचायतों के ताले सुबह 10.30 बजे खुलने के साथ ही स्टॉफ भी नजर आने लगा है।इस जनपद पंचायत में ही सारे काम समय से निपट जाने से जिला प्रशासन-जिला पंचायत पर भी काम का दबाव कुछ कम हो गया है। 
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घायल की गति घायल जाने…..

यह तस्वीर सिर्फ बुंदेलखंड क्षेत्र में ही नहीं भाजपा की राजनीति करने वालों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।बुंदेलखंड क्षेत्र के कद्दावर नेता गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह दोनों में मुहब्बत से ज्यादा अदावत रही है-यह शिवराज सरकार वाले वर्षों में सबने देखा है।अभी जब सागर में मुख्यमंत्री मोहन यादव कॉन्क्लेव करने पहुंचे तब इन दोनों नेताओं को मंच पर जगह तो मिली किंतु उनके कद मुताबिक सम्मान नहीं मिला।मंच पर अनमने से कुछ देर बैठे और चलते कार्यक्रम में मंच से उठ कर चलते बने।माना जाता है कि नदी के दो किनारे आपस में नहीं मिलते यह दुर्लभ चित्र इसलिये माना जा रहा है कि राजनीति के दो कद्दावर पहली बार इस अंदाज में नजर आए हैं।  
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पूर्व विधायकों की होगी बल्ले-बल्ले

पूर्व केबिनेट मंत्री भगवान सिंह यादव नेतृत्व में सीएम से मिले पूर्व विधायकों की पेंशन वृद्धि पर सीएम ने सकारात्मक संकेत दे दिये हैं।इन पूर्व विधायकों के प्रतिनिधिमंडल का तर्क भी सही था कि जब सरकार ने महापौर, पार्षद, सरपंच, पंच व अन्य प्रतिनिधियों के वेतनभत्तों में वृद्धि की है तो हमारे साथ अन्याय क्यों? यादव ने भी माना  कि पूर्व विधायक मंडल एवं विधायक परिषद द्वारा पेंशन वृद्धि की मांग को लेकर 3 बार सम्मेलन आयोजित किये गये, लेकिन तत्कालीन सरकारों द्वारा आश्वासन देने के बाद भी उस संबंध में कोई कारगर कदम उठाने की पहल नहीं हुई।
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वन भवन में भांग की खेती 

लगता है वन भवन में भांग का कुआ नहीं, खेती ही हो रही है।करीब 6592 वनकर्मी और उनके परिजन यदि ऐसा सोचें तो गलत क्या है। इन वन रक्षकों को 8 साल तक वन विभाग भर्ती नियम मुताबिक पे बैंड ₹ 5200 की अपेक्षा हर महीने ₹ 5680 (₹ 480 अधिक) वेतन देता रहा।इस तरह 2006 से ‘18 तक 165 करोड़ रु अधिक दे दिये। वित्त विभाग ने जब ₹ 165 करोड़ देने की गलती पकड़ी तो वन विभाग ने प्रति वन रक्षक ब्याज सहित औसतन ढाई लाख रुपए सरकारी खजाने में जमा करने का फरमान जारी कर दिया है। 
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शायद अब खाली कर दें मकान 

लंबे समय से सरकारी आवास पर कब्जा जमा कर बैठे रोहन सक्सेना को शायद अब मकान खाली करना ही पड़ेगा।अपर आयुक्त नगर निगम पदस्थापना के बाद अपर कलेक्टर रोहन सक्सेना को नगर निगम ने रेसकोर्स रोड स्थित नगर निगम का शासकीय आवास क्रमांक एफ 1 नंदलाल बोरदिया मार्ग आवंटित किया गया था। फिलहाल सक्सेना सीईओ जिला पंचायत निवाड़ी पदस्थ हैं लेकिन इंदौर वाला सरकारी आवास अब तक खाली नहीं किया है।संभागायुक्त ने इस संबंध में सक्षम प्राधिकारी लोक परिसर (बेदखली) मल्हारगंज क्षेत्र को पत्र लिखा, अब तुरंत आवास खाली करने का नोटिस चस्पा कर दिया गया है।अब सक्सेना को किराए के रूप में लाखों रुपए का दंड चुकाना पड़ सकता है।
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ठेकेदार के इंतजार में है पुल 

पाटनीपुरा से मालवा मिल चौराहे के बीच बने पुल को तोड़कर नया बनाने की कवायद पिछले ढाई वर्ष से चल रही है, लेकिन नगर निगम को पुल बनाने के लिए ठेकेदार नहीं मिला रहा है। तीन बार टेंडर जारी हो गए और अब चौथी बार टेंडर जारी करने की तैयारी है। ट्रैफिक सुधारने के लिए पुल 100 फीट चौड़ा बनाया जाएगा।अभी पुल की चौड़ाई 40 से 50 फीट है।निगम पुल को तोड़कर 100 फीट चौड़ा बनाने जा रहा है ताकि वाहन आसानी से निकल सकें लेकिन इस पुल को बनाने के लिये कोई ठेकेदार आगे नहीं आ रहा है।

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