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कौन जाने किस घड़ी वक्त का बदले मिजाज -सुरेन्द्र अग्रवाल


कौन जाने किस घड़ी वक्त का बदले मिजाज
    सुरेन्द्र अग्रवाल 
    फिल्म वक्त का यह लोकप्रिय गीत सभी को याद होगा।
     एक ज़लज़ले के पश्चात बलराज साहनी का पूरा कुनबा बिखर गया था और उनके बेटे बिछड़ गए थे। तब पार्श्व में यह गीत गूंज रहा था।
वक्त के दिन और रात 
वक्त की हर शे गुलाम 
आदमी को चाहिए वक्त से डर कर रहे, 
कौन जाने किस घड़ी वक्त का बदले मिजाज,
वक्त का बदले मिजाज।
        मुस्लिम समाज पर एकतरफा राज़ करने वाले शहजाद अली का शहर का सबसे बड़ा आलीशान महल जमींदोज कर दिया गया। तीन कीमती कारें एलएनटी मशीन के पंजों से रौंद दी गई थीं।
          ऐसा क्यों हुआ! 
        इसके कर्णधार भी शहजाद अली हैं, कहानीकार भी वही हैं और हीरो भी वही हैं। एक तथाकथित टिप्पणी को लेकर यदि प्रशासन को ज्ञापन देना भी था तो इतनी बड़ी भीड़ की क्या जरूरत थी? पूंछता है छतरपुर। क्या सभी समाज के लोग इतनी बड़ी भीड़ लेकर ही एफआईआर दर्ज कराने जाते हैं। वो भी प्रशासन की बिना इजाजत के।जब उन्हें इस बात का इल्म था कि एक जुलूस पहले से ही निकाला जा रहा है तो वही समय क्यों मुकर्रर किया गया। क्या यह रणनीति पहले से ही बनाई गई थी।
      सबसे बड़ा सवाल है कि एफआईआर तो एक बहाना था। मकसद कुछ और था। जो पत्थरबाजी के रूप में सामने आ गया। क्या आप शहर को आग में झोंकना चाहते थे।
      आज़ जब मुस्लिम समाज से तमाम युवक-युवतियां चिकित्सा जगत और प्रशासनिक पदों को सुशोभित कर रहे हैं, तो आपको यह अच्छा नहीं लग रहा है। जिस नगर में आपका परिवार रहता है, आपके बच्चे रहते हैं और आप स्वयं यहां की हवा पानी का सेवन कर रहे हैं तो अपने ही नशेमन को नफरत की ज्वाला में झौंक रहे थे।
        क्या आप समाज को यह जानकारी देने की कोशिश करेंगे कि दस करोड़ रुपए की हवेली कैसे तैयार हो गई? कल तक आप स्वयं समाज का नेतृत्व कर रहे थे और आज?
 इतिहास की सबसे बड़ी कार्यवाही
         मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को जब छतरपुर नगर में घटित हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी दी गई तो उन्होंने प्रशासन को फ्री हेंड कर दिया। छतरपुर जिले के इतिहास में जिला और पुलिस प्रशासन की अब तक की यह सबसे बड़ी कार्यवाही है, जब पुलिस कर्मियों पर सुनियोजित साजिश के तहत सिटी कोतवाली पर हमला किया गया तो मात्र 12 घंटे में पत्थरबाजों को सबक़ सिखा दिया। पूरी रात उपद्रवियों की पकड़ धकड चलती रही। कलेक्टर पार्थ जैसवाल, एसपी अगम जैन और अन्य अधिकारी पूरी रात जागते रहे। इस घटनाक्रम से छतरपुर जिले की साख को धक्का लगा है। छतरपुर नगर का जनमानस तहेदिल से शुक्रिया अदा करता है। उम्मीद है कि आगे भी प्रशासन इसी प्रकार की सजगता का परिचय देकर कानून व्यवस्था बरकरार रखेगा।

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