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सरकार की नजर से दूर मतरकुंड -कीर्ति राणा(वरिष्ठ पत्रकार)


कही-सुनी
कीर्ति राणा(वरिष्ठ पत्रकार)                                             

सरकार की नजर से दूर मतरकुंड  

बड़वानी जिले के पाटी ब्लाक की चौकी पंचायत के गांव मतरकुंड के ग्रामीण व्यवस्था को आईना दिखा रहे हैं। आजादी के बाद से आज तक इस गांव के रहवासी सड़क के लिए तरस रहे थे।इन सत्तर सालों में प्रदेश में रही सरकारों को यह गांव याद नहीं आया, अब गांव के लोग ही पहाड़ को काटने में जुटे हुए हैं सड़क बनाने के लिए।कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों की सरकारें आदिवासियों के हितों को लेकर कितनी चिंतित हैं यह समझा जा सकता है।हो सकता है इस गांव की सड़क समस्या से द्रवित सीएम फरमान जारी कर दें कि प्रदेश के जिन गांवों में सड़क नहीं है वहां काम शुरु करें।

छुट्टी पर गए थे, छुट्टी ही कर दी ! 

सागर में एक दीवार गिरने से 9 बच्चों की मौत मामले में एसपी अभिषेक तिवारी बेवजह पिस गए।जिस दिन घटना हुई एसपी अभिषेक तिवारी यहां नहीं थे। वे 15 दिन की छुट्‌टी लेकर विदेश गए हैं।तिवारी का तो केंद्र में नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन में प्रतिनियुक्ति का आदेश भी जारी हो गया था लेकिन सरकार ने उन्हें रिलीव तो नहीं किया, इस हादसे में उनकी छुट्टी जरूर कर दी।बहुत संभव है सरकार को जल्दबाजी में किया यह आदेश चुपचाप वापस लेना पड़े। 
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महिला बैंड बाजा-बरात

अब तक तो बैंड बजाने का काम पुरुष पार्टी ही करती रही है।बहुत संभव है कि देवउठनी ग्यारस से शुरु होने वाले विवाह मुहूर्त में बरात के साथ महिलाओं का बैंड कर्णप्रिय धुन बजाता नजर आए।यह अभिनव काम भी हर मामले में नंबर वन रहने वाले अपने इंदौर से ही शुरु होगा।मनीषा यादव ने बैंडवादक 11 महिलाओं का महिला रिदम आर्केस्ट्रा बैंड तैयार कर लिया है, बस बुकिंग कराने वालों का इंतजार है। 
 

झुनझुना मिला दादा दयालु को…!

मिनिस्टर इन वेटिंग वाला मौका जाने कब हाथ लगेगा लेकिन दादा दयालु को विधानसभा की 6 समितियों में से एक का अध्यक्ष बनाने से अच्छे दिन वाला झुनझुना बजाने को मिल गया है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने जो 6 समितियां गठित की हैं उनमें विधायक रमेश मेंदोला को स्थानीय निकाय एवं पंचायतीराज लेखा समिति का निर्विरोध सभापति चुना गया है।अन्य पांच समितियों में भी तीन विधायक  इंदौर से ही हैं।भंवर सिंह शेखावत लोक लेखा समिति के, उषा ठाकुर सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति, महेंद्र हार्डिया पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी समिति, अजय विश्नोई प्राक्कलन समिति और बिसाहूलाल सिंह (सभापति) अजा, जजा वर्ग कल्याण संबंधी समिति के सभापति 
चुने गए हैं। 
 

समय पर आना ही होगा

शासकीय कर्मचारियों को अब समय पर कार्यालय पहुंचना ही होगा। प्रदेश में सरकारी दफ्तरों और स्कूल व कॉलेजों में कर्मचारियों, अधिकारियों और टीचर्स के लिए आधार बेस्ड बायो मीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
हालांकि यह व्यवस्था अभी अनिवार्य नहीं की गई है पर माना जा रहा है कि आधार के उपयोग की अनुमति अटेंडेंस सिस्टम के लिए दिए जान के बाद अब यह व्यवस्था जल्दी ही सभी विभागों में लागू हो सकती है।राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम राज्य सरकार को टेक्निकल एडवाइस देने का काम करेगा। बायो मीट्रिक सिस्टम अटेंडेंस दर्ज करने का माध्यम बनेगी।

लिखने-पढ़ने वाले नरहरि

नौकरी करते हुए लिखना-पढ़ना भी जारी रखना प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आईएएस पी नरहरि से सीखना चाहिए। हाल ही में उनकी लिखी किताब ‘राम का राज्याभिषेक’ के साथ ही एक ‘पानी पानी’ गीत भी लिखा जिसका विमोजन एवंपुस्तक का विमोचन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उईके के कर कमलों से हुआ | मोटिवेशनल स्पीकर राकेश चंद्रा द्वारा संयुक्त रूप से लिखित पुस्तक ‘राम का राज्याभिषेक’ को इस पुस्तक को लिखने में लगभग 1 वर्ष का समय लगा। ‘महागाथा प्रोडक्शन’ के  प्रमुख ऋषिकेष पांडेय और आकांक्षा दुबे इस पुस्तक के संपादक हैं, और गीत “पानी पानी” के म्यूजिक डायरेक्टर भी ऋषिकेष पांडेय हैं।

अभी नहीं जाएंगे सीपी साब 

पुलिस कमिश्नर की कुर्सी का सपना देख रहे और राकेश गुप्ता के तबादले का इंतजार करने वाले अधिकारियों को कुछ समय और इंतजार करना पड़ेगा। वजय यही कि नशे के खिलाफ अभियान चलाने की घोषणा करने वाले मंत्री विजयवर्गीय ने बॉस्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में हुए मुख्य समारोह में उन्हें टॉप टेन अधिकारियों में नंबर वन बता दिया है। जाहिर है अभियान उनके नेतृत्व में ही चलेगा, बाद में उन्हें इंदौर में ही अन्यत्र सम्मानजनक पद पर बैठा देंगे। 

कौन पद पाएगा, कौन रह जाएगा ? 
भोपाल में सत्ता-संगठन के प्रमुखों की बैठक के बाद निगम-मंडलों और विभिन्न समितियों में भाजपा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। बड़ा सवाल अब यह है कि इंदौर में कौन पद पाएगा और कौन रह जाएगा। कारण यह कि शिवराज सिंह के वक्त से नियुक्तयां टलती रही हैं।भाजपा के निष्ठावानों के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व विधायकों और उनके समर्थकों को भी मौका मिलने का इंतजार है-ये सारे हालात पार्टी में और तनाव बढ़ाने का कारण भी बनेंगे।

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