सुलेमान सुधारेंगे अब कृषि का स्वास्थ्य-कीर्ति राणा’(वरिष्ठ पत्रकार)
कही-सुनी
कीर्ति राणा
सुलेमान सुधारेंगे अब कृषि का स्वास्थ्य
सरकार की मंशानुरूप काम करने वालों में मो. सुलेमान के नाम से परिचित तो सभी हैं, उनकी उपलब्धियां भी सब जानते हैं। शिवराज सरकार में तो अगले सीएस की दौड़ वाले अधिकारियों में उनका भी नाम था लेकिन अब सीएस वाली सूची में उनका नाम भी नहीं है।विधानसभा में उछले नर्सिंग कॉलेज विवाद में उनकी भूमिका भले ही नहीं हो लेकिन चार साल से अधिक समय इस विभाग में जमे रहे अपर मुख्य सचिव सुलेमान को अब कृषि उत्पादन आयुक्त बनाया गया है।रिटायर होने से पहले सीएस वीरा राणा से शीर्ष अधिकारियों के विभागों में फेरबदल को अगले सीएस को फ्रीहैंड की नजर से देखा जा रहा है।
जीव दया प्रेमी सरकार
मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसी मिसाल कायम की है जो अन्य राज्यों को भी प्रेरणा दे सकती है। सीहोर के मिडघाट में ट्रेन की चपेट में घायल हुए बाघ के दो शावकों की जान बचाने के लिए रेलवे से दो डिब्बों की स्पेशल बोगी 55 किमी दूर भेजी और उपचार के लिये इन घायल शावकों को वन विहार भोपाल भिजवाया है।गंभीर घायल मरीजों के लिये हेली सेवा शुरु करने वाले मुख्यमंत्री की बाघ शावकों के प्रति दर्शाई इस संवेदनशीलता की सराहना भी हो रही है।
इतना सम्मान तो मिले
अंगदान करने वाले मृतक को गार्ड आफ ऑनर देने का प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को राज्य अंग ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एसओटीटीओ) के पूर्व प्रभारी-एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ संजय दीक्षित ने भेजा है। ओडीशा सरकार ने यह पहल फरवरी 2024 से शुरु कर दी है। देश में सवा लाख मरीज अंगदान के लिए प्रतीक्षारत हैं।
बेकार से कार
झाबुआ नगर पालिका के कर्मचारियों की तारीफ तो बनती है। बेकार समझे जाने वाले सामान और कबाड़ से खूबसूरत सामान बना कर स्थानीय उद्यान का आकरषण तो बढ़ा ही दिया और यह संदेश भी दे दिया कि बेकार से भी कार बनाई जा सकती है।
बिल्ली ने मूंदी आंख
दूध पीते वक्त अकसर बिल्ली यह सोच कर आंखें मूंद लेती है कि उसे तो कोई देख नहीं रहा है।कुछ ऐसा ही नजारा शहर की मुख्य सड़कों-चौराहों पर लगे कावड़ यात्रा के विशालकाय पोस्टर-बैनर और नगर निगम की अनदेखी को देख कर भी लगा। महापौर और निगम आयुक्त ने ही जब बिल्ली वाली स्टाइल अपना रखी तो निगम गैंग के कर्मचारी क्यों बुराई मोल लें।
राजकुमार का आदेश…
सरकार ने भले ही गांवों में गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों पर सख्ती का आदेश दे रखा हो लेकिन लांजी विधानसभा क्षेत्र में सत्ता पक्ष के विधायक राजकुमार कर्राहे का आदेश चलता है।विधायक नेऐसे झोलाछाप चिकित्सकों को कह दिया है कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को समझा दिया है, तुम लोग आराम से अपना काम करो।मेरे रहते कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
50 ग्राम भी कम नहीं हुआ वजन
पौधारोपण महाअभियान से जुड़े लोगों के सम्मान समारोह का संचालन कर रहे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने खूब हंसाया भी। निगम कमिश्नर शिवम वर्मा के लिए बोले खूब मोटे हैं, मेहनत भी खूब की लेकिन वजन पचास ग्राम भी कम नहीं हुआ।जनकार्य समिति अध्यक्ष राजेंद्र राठौर को लेकर कहा सूरज खूब तपता रहा लेकिन राजेंद्र के चेहरे पर इस गर्मी का असर नहीं पड़ा, खुद सूरज शरमा गया।एक अधिकारी को मंच पर सपत्नीक सम्मान के लिए आमंत्रित किया और अधिकारी से ही पूछ लिया तुमने छप्पन दुकान पर तो किसी और से मिलवाया था।जब वो पूछ रहे थे सच बताओ मामला क्या है तब बीसीसी का हॉल ठहाकों से गूंज रहा था।
कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और 'शेर-ए-भोपाल' कहे जाने वाले पूर्व मंत्री आरिफ अकील जन्नत-नशीं तो हो गए लेकिन हवाई चप्पल पहनने वाले वो मप्र के एकमात्र विधायक थे। पहली बार भोपाल उत्तर सीट से 1990 में विधायक बने और 2018 तक लगातार जीतते रहे।राहुल गांधी भोपाल आए तो मंच पर आरिफ अकील के पैरों में हवाई चप्पल देख कर वो भी चौंक गए थे।अन्य नेताओं ने उन्हें बताया वो मंत्री रहे, किसी कार्यक्रम में अतिथि रहे या वीआईपी कार्यक्रम हो तब भी वो हवाई चप्पल ही पहनते थे।
हितानंद शर्मा को बड़ी जिम्मेदारी ?
मध्यप्रदेश के संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को अगली बड़ी जिम्मेदारी क्या मिलने वाली है, यह उत्सुकता प्रदेश भाजपा कार्यालय में चल रही है। अगली जिम्मेदारी का मतलब भले ही मप्र के वर्तमान दायित्व से मुक्ति माना जाए लेकिन उनकी सख्ती, डांट-फटकार का ही नतीजा रहा है कि मप्र में भाजपा सरकार का डंका फिर से बजा है।
दो में से एक गए, दूसरे हैरान रहे
मप्र के दो आयएएस के नाम बीते सप्ताह खूब चर्चा में रहे।इनमें एक तो प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए और दूसरे हैरान होते रहे कि बेबात बधाई क्यों मिल रही है।बात हो रही है राजगढ़ कलेक्टर हर्ष दीक्षित और इंदौर कलेक्टर रहे टी इलैया राजा (एमडी टूरिज्म) की।हर्ष दीक्षित तो केंद्रीय स्वास्थ्य-परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा के निजी सचिव हो गए।उनका यह प्रतिनियुक्ति आदेश पांच साल के लिए है।इलैया राजा खुद हैरान रहे कि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के निजी सचिव के लिए उनका नाम कैसे चल गया।सतत आने वाले बधाई फोन कॉल पर कहते भी क्या। क्योंकि प्रतिनियुक्ति के पहले राज्य-केंद्र सरकार के बीच होने वाली कोई प्रोसेस हुई ही नही
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