शिप्रा शुद्धिकरण की सार्थक पहल
संदीप कुलश्रेष्ठ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में उज्जैन में शिप्रा शुद्धिकरण की सार्थक पहल आरम्भ की है। इसके लिए उन्होंने भूमि पूजन भी कर दिया है। इस पहल की खास बात यह है कि खान नदी का दूषित और गंदा पानी अब शिप्रा नदी में कही पर भी नहीं मिलेगा और इस प्रकार शिप्रा नदी शुद्ध रखने की संभावना अब काफी बढ़ गई है।
598.66 करोड़ की लागत से बनेगी क्लोज डक्ट परियोजना -
खान क्लोज डक्ट परियोजना के माध्यम से अब खान नदी का दूषित जल माँ शिप्रा के किसी भी तट पर नहीं मिलेगा। खान का पानी गंभीर नदी के निचले किनारे तक पहुँचाया जायेगा, जिसे भी शुद्धिकरण किया जायेगा और आसपास के किसानों को सिंचाई के लिये पानी मिलेगा। 600 करोड़ रुपये की लागत से आने वाले समय में सेवरखेड़ी में बैराज निर्मित कर शिप्रा का पानी लिफ्ट कर सिलारखेड़ी ले जाया जाएगा और वहाँ से पुनः शिप्रा में छोड़ा जाएगा। इससे शिप्रा का पानी शिप्रा में ही रहेगा।
शिप्रा का पानी शिप्रा में ही मिलेगा -
उल्लेखनीय है कि इंदौर तथा सांवेर के सीवेज युक्त जल को खान नदी के माध्यम से शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए जमालपुरा ग्राम के समीप खान नदी पर बैराज का निर्माण करते हुए क्लोज डक्ट के माध्यम से जल का गंभीर नदी में गंभीर बाँध के डाउन स्ट्रीम में डायवर्ट किया जायेगा। साथ ही आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए प्रावधानों के अनुसार जल प्रवाह 40 क्यूसेक जल बहाव क्षमता के रूपांकन कार्य किया गया है। इसमें इंदौर शहर तथा सांवेर शहरी क्षेत्र की अनुमानित जनसंख्या से आने वाले सीवेज एवं सांवेर जल उद्वहन परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र मे होने वाली सिंचाई से जल के रि-जनरेशन, देवास एसटीपी से आने वाले जल को पंप कर खान नदी में छोड़ते हुए डक्ट के माध्यम से व्यपवर्तित किया जाएगा।
परियोजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी -
इस परियोजना में 100 मीटर लम्बाई में एप्रोच चैनल 28.650 कि.मी. लम्बाई में 4.50 मीटर के डी-आकार में भूमिगत बाक्स तथा अंतिम 100 मीटर लम्बाई में ओपन चैनल निर्माण का कार्य प्रस्तावित है। परियोजना में निर्माण कार्य की समय-सीमा 42 माह रखी गई है, जिसमें 15 वर्षों का संचालन तथा रखरखाव का प्रावधान किया गया है। डक्ट में शुरुआती तथा अंतिम छोर के अतिरिक्त 4 संख्या में पहुँच मार्ग प्रस्तावित हैं, जिसकी चौड़ाई डक्ट के समान ही 4.5 मी. रखी गई हैं। इसके माध्यम से डक्ट के अंदर सफाई कार्य किए जाने हेतु हैवी मशीनरी का भी प्रवेश सुनिश्चित किया जायेगा।
100 करोड़ की योजना फेल -
शिप्रा शुद्धिकरण के लिए पहले भी 100 करोड़ की योजना बनाई गई थी। इसमें खान नदी का गंदा पानी भूमिगत नाली के माध्यम से वापस कालियादेह महल के पास शिप्रा नदी में डाला जा रहा है। इस योजना से खान नदी का पूरा गंदा पानी नहीं जा पा रहा था। इसके साथ ही खान नदी का गंदा पानी सीधा शिप्रा में ही मिल रहा था इस कारण यह योजना अव्यवहारिक और पूरी तरह से फेल हो गई थी। अब करीब 600 करोड़ की नवीन क्लोज डक्ट योजना से उम्मीद है कि खान नदी का पानी शिप्रा नदी में नहीं मिल सकेगा। इस प्रकार शिप्रा शुद्धिकरण कर नई आस जगेगी।
-------- ००० --------