शाह की क्लास के बाद भाजपा ने झोंकी ताकत, कांग्रेस भी एकजुट-दिनेश निगम ‘त्यागी’(वरिष्ठ पत्रकार )
शाह की क्लास के बाद भाजपा ने झोंकी ताकत, कांग्रेस भी एकजुट
- क्षेत्र में चल निकला स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा
- ठाकुरों की नाराजगी भुनाने की कोशिश में कांग्रेस
* दिनेश निगम ‘त्यागी’(वरिष्ठ पत्रकार )
बुंदेलखंड अंचल की 4 में से 3 लोकसभा सीटों के लिए दूसरे चरण में चुनाव हो चुका है, शेष बची सागर लोकसभा सीट के लिए तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा। चुनाव के प्रारंभ में भाजपा में उदासीनता दिख रही थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भोपाल में क्लास लेने के बाद सागर जिले के सभी विधायक, नेता और मंत्री सक्रिय हो गए हैं। इसी प्रकार कांग्रेस में नेता घर बैठे थे। उन्हें सक्रिय करने के लिए प्रत्याशी चंद्रभूषण सिंह गुड्डू राजा बुंदेला को प्रचार अभियान में जुटने की बजाय मान-मनौव्वल में समय बरबाद करना पड़ रहा था। अब कांग्रेस में भी सभी नेता एकजुट होकर प्रचार अभियान में जुट गए हैं। सागर लोकसभा सीट लंबे समय से भाजपा के कब्जे में है। वह पार्टी का गढ़ बन चुकी है। इस चुनाव में भी भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है। कांग्रेस मुकाबले में रहने की कोशिश कर रही है।
इसलिए गुड्डू राजा पर भारी पड़ रहीं लता वानखेड़े
- कांग्रेस के गुड्डू राजा बुंदेला पर भाजपा की लता वानखेड़े भारी पड़ रही हैं। इसकी पहली वजह यही है कि गुड्डू बाहरी सीमा से सटे उप्र के ललितपुर जिले से हैं जबकि लता वानखेड़े सागर की स्थानीय। दूसरा, लता वानखेड़े महिला हैं। वे भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष के साथ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष भी रही हैं। इस नाते उन्होंने महिलाओं के बीच काम किया है। वे सागर की मकरोनिया नगर पालिका में पहले पंच और इसके बाद तीन बार सरपंच रही हैं। इस नाते उन्हें जमीनी हकीकत मालूम है। दूसरी तरफ कांग्रेस के गुड्डू राजा उप्र में जरूर चुनाव लड़े लेकिन मप्र में किसी पद पर नहीं रहे, न ही मैदान में काम किया। वे विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उन्हें ललितपुर सीमा से लगे खुरई क्षेत्र से सबसे ज्यादा उम्मीद थी लेकिन क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर नेता अरुणोदय चौबे चुनाव के बीच कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह का इस क्षेत्र में पहले से व्यापक असर है। सामने कोई विरोधी रहा नहीं। लिहाजा कांग्रेस को जरूरी समर्थन नहीं मिल पा रहा है।
गुड्डू का हेलीकाप्टर से दौरा, लता कर रहीं कंजूसी
- प्रचार अभियान में खर्च के लिहाज से कांग्रेस के गुड्डू राजा भाजपा की लता पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। उन्होंने व्यक्तिगत हेलीकाप्टर लेकर पूरे क्षेत्र में लगभग हर बड़े गांव और कस्बे का दौरा पूरा कर लिया है। प्रचार में लगे नेताओं और टीम को भी वे धन की कमी नहीं आने दे रहे। दूसरी तरफ सागर में पार्टी कार्यकताओं के अंदर चर्चा है कि लता वानखेड़े ने मान लिया है कि जीत उनकी ही होना है। इसकी वजह से वे खर्च में कंजूसी बरतने लगी हैं। ये आरोप भी लग रहे हैं कि चुनाव में उन्हें खूब चंदा मिल रहा है। जिसे वे बचा रही हैं। वैसे भी क्षेत्र में 8 में से 7 विधायक भाजपा के हैं और कांग्रेस का सिर्फ एक। भाजपा विधायकों में भूपेंद्र सिंह, शैलेंद्र जैन और गोविंद सिंह राजपूत जैसे दिग्गज शामिल हैं। ये खुद अपना खर्च कर प्रचार कर रहे हैं, लेकिन चुनाव प्रचार में लगे आम कार्यकर्ता आर्थिक तंगी से परेशान दिखाई पड़ते हैं। लता ने पार्टी के कई नेताओं की शिकायत भी संगठन में की है।
भाजपा के साथ महिलाएं, कांग्रेस दलितों, क्षत्रियों के भरोसे
- लता वानखेड़े के महिला होने, महिला मोर्चा और महिला आयोग के अध्यक्ष का दायित्व निभा चुकने के कारण क्षेत्र की महिलाएं भाजपा के साथ लामबंद दिखाई पड़ रही हैं। जगह-जगह महिलाओं के बड़े सम्मेलन हो चुके हैं। इनमें भाजपा के बड़े नेताओं ने शिरकत की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सागर में सभा हो चुकी है। उन्होंने दलितों के सम्मेलनों को खासतौर पर संबोधित किया था। इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस की ताकत दलित ही हैं। कांग्रेस को दूसरी उम्मीद क्षत्रियों खासकर दांगी ठाकुरों से है। भाजपा ने इस समाज के सांसद राजबहादुर सिंह का टिकट काट कर लता वानखेड़े को दिया है। टिकट काटे जाने से यह समाज भाजपा से नाराज है। हालांकि भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत समाज को साधने की कोशिश कर रहे हैं।
विदिशा जिले के लिए वानखेड़े स्थानीय जैसी
- लता वानखेड़े प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष रही हैं। इस नाते उन्हें विदिशा जिले का प्रभारी बनाया गया था। सागर लोकसभा सीट के तहत विदिशा जिले के भी तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं। प्रभारी रहते उन्होंने यहां काम किया है। इसलिए विदिशा के लिए भी वे स्थानीय जैसी हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के गुड्डू राजा का विदिशा जिले में काेई संपर्क नहीं है। पिछले चुनावों में भी लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी सागर जिले से ही होता था। वह विदिशा जिले के लिए बाहरी जैसा होता था। लेकिन इस बार लता वानखेड़े यहां के लिए अननोन नहीं हैं। अमित शाह की क्लास का असर है ही, विदिशा में भी भाजपा के सभी नेता प्रचार कर रहे हैें और मतदान का प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश भी।
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