राजीव शर्मा के संस्मरण-मालगाड़ी वाले कमिश्नर Story of Goods train fame Commissioner-राजीव शर्मा(वरिष्ठ आईएएस)
राजीव शर्मा के संस्मरण-मालगाड़ी वाले कमिश्नर
Story of Goods train fame Commissioner-राजीव शर्मा(वरिष्ठ आईएएस)
गोस्वामी तुलसीदास जी ने अधम चाकरी यों ही नहीं लिखा होगा नौकरी किये बिना कोई इस सत्य को पा ही नहीं सकता .नौकरियों के विविध प्रकार हैं तो अफ़सरों की भी कई प्रजातियाँ हैं.एक थे कमिश्नर .संभाग उनकी सल्तनत और ज़िले उनके मातहत .उनके पहले दौरे में उन्होंने पाया कि सर्किट हाउस का एसी नकारा है उतनी ठंडक नहीं देता जो उन्हें ठंडा रख पाये .वे भले और सज्जन थे पर उस दिन भड़क गए .वे गरम हुए और होते चले गए .उनकी क्रोधाग्नि में भस्म होने से पहले हमारे चतुर ई ई पीडब्ल्यूडी ने क्षमा माँगते हुए एक नया एसी तत्काल लगाने का संकल्प लिया पर कमिश्नर स्वदेशी वाले रहे होंगे उन्होंने कहा -नो मोर एसी आप वहाँ बड़ा सा कूलर लगाइये.
ओके सर मैं एसी निकाल लेता हूँ कूलर लगा देता हूँ-ईई ने विनम्रतापूर्वक कहा .
आपको एसी हटाने किसने कहा ?
सॉरी सर .समझ गया .आयुक्त महोदय के आदेश का तत्काल पालन हुआ .अब हमारे सर्किट हाउस में उस कक्ष में एसी और कूलर एक साथ शोभायमान थे .आयुक्त महोदय कई वर्षों तक रहे .उनके स्थानांतरण के बाद भी उनका अनूठा नवाचार उस सर्किट हाउस में उनकी स्मृतियाँ जीवंत बनाये रहा .अगले भ्रमण में वे अपने आदेश के क्रियान्वयन पर मुग्ध हुए और मुझसे पूछे -क्यों एसडीएम साहब अब तो यह कक्ष पर्याप्त ठंडा रहता होगा ?मैंने विनम्रतापूर्वक कहा -यस सर .पता नहीं क्यों वे कार या ट्रेन से आने की बजाय मालगाड़ी प्रेमी थे इसलिये एक दिन मैंने स्टाफ़ को फुसफुसाते सुना -मालगाड़ी वाले कमिश्नर साहब दौरे पर हैं .
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