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धनतेरस पर कुबेर देव के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़


शुक्रवार को धनत्रयोदशी के अवसर पर सुख, समृद्धि और धन की कामना के साथ श्रद्धालुओं ने धन के देवता कुबेर देव के दर्शन किए। कुबेर की नाभि पर इत्र लगाकर कामना की गई। सुबह से ही श्रद्धालु यहां पहुंचने लगे थे। मान्यता है कि भगवान कृष्ण की गुरू दक्षिणा देेने के लिए धन की पोटली लेकर कुबेर आए थे, फिर यहीं रह गए। तभी से यहां पर प्रतिमा विराजित है।

दीपावली पर्व की शुरूआत धनतेरस के साथ हो जाती है। शुक्रवार को धनतेरस होने से सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्री सांदीपनि आश्रम में स्थित कुबेर देव की प्रतिमा के दर्शन किए। आश्रम परिसर में स्थित 84 महादेव मंदिरों में 40 वें क्रम में शामिल कुंडेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृृह में कुबेर की प्राचीन प्रतिमा के दर्शन होते है। मंदिर के पुजारी शिवांश व्यास ने बताया कि गुरूवार को एकादशी पर पंचामृत पूजन कर अभिषेक किया गया। वहीं कुबेर देवता का वर्ष में एक बार होने वाला आभूषण से श्रृंगार किया गया। मान्यता है कि धनत्रयोदशी पर कुबेर की प्रतिमा की नाभि में इत्र लगाने से कुबेर देव को राहत मिलती है। इससे प्रसन्न होकर वे धन, धान्य, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते है। श्रद्धालु यहां इत्र लेकर पहुंचते है और नाभि में इत्र लगाकर अपनी मनोकामना मांगते है।

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