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400 कर्मचारियों ने निरस्ती के लिए दिए आवेदन, प्रशिक्षण में अनुपस्थित 27 कर्मचारियों को नोटिस


कुछ अधिकारी-कर्मचारी चुनावी ड्यूटी से परहेज करते हैं। ये जैसे-तैसे उससे बचने के जतन ढूंढते हैं। कुछ तो ऐसे लापरवाह भी होते हैं कि चुनावी प्रशिक्षण में भी नहीं पहुंचते हैं। विभिन्न विभागों के ऐसे ही 27 कर्मचारियों को नोटिस जारी हुए हैं। इन्हें स्पष्ट किया गया हैं कि यदि ये जवाब संतोषजनक नहीं दे पाते हैं तो एक पक्षीय कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

चुनावी व्यवस्था लिए एक बड़े अमले की जरूरत रहती हैं। इ​सलिए इस व्यवस्था में विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती हैं। इन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी जाकर उसके हिसाब से सभी को प्रशिक्षित भी किया जाता है। निर्वाचन आयोग की स्पष्ट गाइड लाइन हैं कि चुनावी ड्यूटी से किसे मुक्त किया जा सकता हैं किसे नहीं। बावजूद कई ऐसे लोग हैं जो कि बगैर किसी ठोस वजह के ही चुनावी ड्यूटी से बचने के प्रयास करते हैं।

ये तरह-तरह के कारणों का उल्लेख कर चुनावी ड्यूटी निरस्ती के लिए आवेदन देते हैं। इस बार करीब 400 अधिकारी-कर्मचारियों ने चुनावी ड्यूटी निरस्ती के लिए आवेदन दिए हैं। दर्शाए गए कारण की पड़ताल के बाद व आयोग की गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए इनमें से करीब 150 के आवेदन निरस्त हुए हैं। ड्यूटी निरस्ती के लिए आवेदन आने का क्रम अभी भी लगातार जारी हैं।

इधर इस बीच 27 कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई हैं। ये चुनावी व्यवस्था से जुड़े 6-7 नवंबर के पीठासीन अधिकारी-मतदान अधिकारी क्रमांक 1, 2 व 3 के लिए आयोजित प्रशिक्षण में उपस्थित नहीं हुए। इनकी इस गंभीर लापरवाही पर अपर कलेक्टर व मतदान दल गठन की नोडल अधिकारी प्रीति यादव ने इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए है। इन कर्मचारियों को अपना प्रत्युत्तर तत्काल में अपर कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत करना होगा। अन्यथा इनके विरूद्ध एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी।

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