1957 से अब तक दो बार निर्दलीय और तीन बार भाजपा-कांग्रेस को छोड़ अन्य दल के प्रत्याशी जीते
जिले की सातों विधानसभाओं में कुल 52 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। इनमें भाजपा-कांग्रेस के 14, निर्दलीय 25 व अन्य दल/संगठन के 13 प्रत्याशी है। चुनावी रिकॉर्ड बताता है कि 1957 से अब तक जिले में दो बार निर्दलीय व तीन बार भाजपा-कांग्रेस को छोड़कर अन्य दल/संगठन के प्रत्याशी भी चुनाव जीते हैं। ऐसा दो विधानसभाओं में हुआ है। विधानसभा चुनाव में कौन जीतेगा? यह तो 3 दिसंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन इधर नाम वापसी के बाद साफ हुई तस्वीर से जिले में भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए अन्य दल-संगठन व निर्दलीय प्रत्याशी चुनौती बने हुए हैं।
इसलिए कि जिले की बड़नगर, महिदपुर, नागदा-खाचरौद व घट्टिया विधानसभा में भाजपा से बागी निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि बड़नगर में कांग्रेस से नाखुश एक उम्मीदवार भी मैदान में डटे हैं। ये मतदाताओं के बीच प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। कुछ जातिगत समीकरणों के चलते भी किला लड़ा रहे हैं। ऐसे में अब भाजपा-कांग्रेस जैसे प्रमुख दलों के नेताओं को अन्य रणनीतियों पर भी काम करना पड़ रहा है।
ये 5 उदाहरण जब अन्य दलों के प्रत्याशी जीते
1957 : नागदा-खाचरौद में हिंदू महासभा के प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस के जाफरी मो. को 3547 मतों से हराया था। सिंह को 11185 और जाफरी को 7638 मत मिले थे 1962 : नागदा-खाचरौद विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी भैरव भारतीय चुनाव जीते थे। उन्हें 18091 मत मिले थे। भारतीय ने कांग्रेसी प्रत्याशी विश्वनाथ वासुदेव आयाचित को हराया था। आयाचित को 7309 मत मिले थे। 1962 : बड़नगर से एसओसी (सोशलिस्ट) दल के प्रत्याशी रामप्रकाश ने कांग्रेस के कन्हैयालाल मेहता को हराया था। रामप्रकाश को 13025 और मेहता को 12850 मत मिले थे। यह चुनाव रोचक रहा था, क्योंकि जीत का अंतर 175 मत का था। 1967 : बड़नगर विधानसभा में एसएसपी (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी) के प्रत्याशी कन्हैयालाल मेहता ने 29769 मत हासिल कर कांग्रेसी प्रत्याशी सवाई सिंह को हराया था। सिंह को 12928 मत मिले थे। जीत-हार का अंतर 16841 मत था। 2003 : नागदा-खाचरौद में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे दिलीपसिंह गुर्जर जीते थे। उन्होंने भाजपा के लालसिंह राणावत को हराया था। गुर्जर को 58959 मत मिले थे और राणावत को 44530 मत। ये जीत 14429 मतों से हुई थी।
निर्दलीयों के लिए ये चुनाव चिह्न : माचिस की डिब्बी, रोड रोलर, बैटरी टॉर्च, ईंटें, अलमारी, गन्ना किसान, हीरा, बल्ला, ब्लैक बोर्ड, अंगूर, बाल्टी, गैस सिलेंडर, ऑटो रिक्शा, लिफाफा, सितार, कैमरा, टेलीफोन व एयर कंडिशनर आदि।