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प्रधानमंत्री से बरगद के पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ घोषित करने की गई मांग


नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं हज कमेटी ऑफ इंडिया भारत सरकार के पूर्व सदस्य इरफान अहमद ने एक प्रेस रिलीज़ के माध्यम जानकारी दी कि उन्होंने पत्र के माध्यम से देश के जनप्रिय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी से बरगद के पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान अपनी स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हैं "जन गण मन" की हृदय पल्लवित करने वाली आकांक्षा को परिपूर्णता प्रदान करके आज राष्ट्र अपना नवनिर्मित वैभवशाली स्वरूप स्थापित कर विश्व के प्रभावशाली प्रमुख देशों की अग्रणी पंक्ति में शुमार हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि आपके कुशल मार्गदर्शन में ही यह संभव हो सका है। 135 करोड़ देशवासियों को प्रधानमंत्री की देशभक्ति वाली अनूठी नेतृत्व क्षमता ने ही तो "विजयी विश्व तिरंगा प्यारा" की सूक्ति को चरितार्थ किया है। भारत के प्रधानसेवक का राष्ट्रप्रेम प्रेरणादाई बनकर जन आंदोलन के रूप में चरम सीमा पर, जज्बात के साथ हर देशवासी के अंतरभाव में समाहित हो रहा है। सभी राष्ट्रीय प्रतीकों का दिल से सम्मान आमजन में बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जी के दिशानिर्देशन में अभी तिरंगा की पहुंच घर घर तक हो रही है। जो राष्ट्रीयता की भावना में गुणात्मक वृद्धि करने वाला सकारात्मक प्रयोग और क़दम है। इस प्रेरणादायक प्रयोग की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। आगे इरफान अहमद ने कहा कि पूरी दुनिया कोविड काल की विभीषिका से अभी जूझ ही रही है। हमारे देश को भी भारी जान माल की क्षति हुई है। कोरोना के खिलाफ जंग में भारत ने विश्वगुरु की भूमिका निभाकर फतह हासिल की है। इस विश्वव्यापी विजय में हमारे "राष्ट्रीय वृक्ष" बरगद द्वारा प्रचुर मात्रा में प्राणवायु (आक्सीजन) का उत्सर्जन कर कोरोना वायरस को निष्प्रभावी किया है। कई स्थानों पर तो "बरगद" के पेड़ के नीचे अस्पताल संचालित किए गए थे। ऐसे राष्ट्रीय और पर्यावरणीय विशेष महत्व रखने वाले "बरगद" वृक्ष को आजादी के अमृत महोत्सव में प्रमुख स्थान मिलना चाहिए जो नजरंदाज हो रहा है, यह चिंता का विषय है जिस तरह हर घर तिरंगा जन अभियान संचालित हो रहा है। उसी तर्ज पर हर ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रीय वृक्ष "बरगद" का रोपण अनिवार्यत: सुनिश्चित कराने के लिए हमारा "हरित सत्याग्रह आंदोलन" विगत कई वर्षों से संचालित व प्रसारित हो रहा है। हमारे पंच सूत्रीय "हरित सत्याग्रह आंदोलन" की ये मुख्य मांग है कि ध्वजारोहण के साथ अनिवार्यत: राष्ट्रीय वृक्ष "बरगद" का रोपण सुनिश्चित हो। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि 75 वर्ष में हमारा देश ये नहीं जान पाया कि हमारा कोई "राष्ट्रीय वृक्ष" भी है। यदि है भी तो वो कौन सा है, उसका नाम क्या है। इसे विडंबना नहीं कहें तो क्या कहा जाए क्योंकि देश के कौने कौने में अपने नियमित होने वाले संगठनीय व पर्यावरणीय प्रवास के दौरान मुझे तो राष्ट्रीय वृक्ष की सही जानकारी देने वाला करोड़ों देशवासियों में एकाध ही भारतवासी मिला है। अमृत महोत्सव एक ऐसा सुअवसर है, जिस पर हम "राष्ट्रीय वृक्ष बरगद" की अब तक हुई उपेक्षा से दोषमुक्ति पाकर राष्ट्रीय प्रतीकों को उचित सम्मान देने वाले दायित्व बोध को परंपरा के रूप में सर्वमान्य बना सकें। यह तभी संभव है जब राष्ट्रीय ध्वज ''तिरंगा रोहण" के साथ "राष्ट्रीय वृक्ष बरगद" का रोपण भी अनिवार्य रुप से हो। इरफान अहमद ने कहा कि मेरा विनम्र आग्रह है कि इस पर आप गंभीरता पूर्वक विचार कीजिएगा और राष्ट्रहित के साथ पर्यावरणहित के लिए प्रकृति हितैषी उक्त प्रयोग को बहुआयामी सुफलकारी बनाइएगा। पत्र के अंत में इरफान अहमद ने कहा है कि आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि अब राष्ट्र धवजारोहण और राष्ट्र वृक्षारोपण एक साथ होना राष्ट्रीय परंपरा का विराट स्वरूप धारण करेगी जो तिरंगा के साथ घर घर तक पहुंचेगी। उपरोक्त मांग पर सकारात्मक और प्रभावी कार्यवाही होने की इच्छा के साथ। "वृक्षो: रक्षति रक्षत:" जयहिंद वंदे मातरम्

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