ICEA ने किया खुलासा, मई में 4 करोड़ भारतीयों को रहना पड़ सकता है बिना मोबाइल के
कोरोना महामारी के चलते देश इस वक्त लॉकडाउन के संकट से भी गुजर रहा है। केंद्र द्वारा घोषित किए लॉकडाउन की अवधि 3 मई को खत्म होने जा रही है। हालांकि इसकी कम ही संभावना है कि 3 मई के बाद भी सारी गतिविधियां पहले के समान ही शुरू हो जाएं। इस बीच इंडिया सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने अंदेशा जताया है कि अगर मई के आखिर तक मोबाइल और उसके स्पेयर पार्ट्स बेचने पर प्रतिबंध जारी रहता है तो देश के 4 करोड़ लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं और उन्हें बिना मोबाइल के रहना पड़ सकता है। ICEA का आंकलन है कि वर्तमान में देश के 2.5 करोड़ मोबाइल कस्टमर्स के मोबाइल Non Functional हो चुके हैं क्योंकि उनके डिवाइस के कंपोनेंट सप्लाई चेन प्रभावित होने की वजह से उपलब्ध नहीं हैं।
बता दें कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान सिर्फ आवश्यक सामान की बिक्री को ही अनुमति दी है जो पांचवे हफ्ते में पहुंच चुका है। टेलीकॉम, इंटरनेट, ब्रॉडकास्ट और आईटी सर्विसेज को परमिट किया गया है लेकिन मोबाइल सर्विस को नहीं शामिल किया गया।
ICEA जिसके सदस्य दुनिया के बड़े हैंडसेट निर्माता Apple, Foxconn और Xiaomi हैं उनका कहना है कि औसतन 2.5 करोड़ नए मोबाइल हर महीने बेचे जाते हैं और वर्तमान में 85 करोड़ एक्टिव मोबाइल फोन हैं।
ICEA का कहना है कि 'इस खरीदी का एक बहुत बड़ा हिस्सा रिप्लेसमेंट का होता है। इसके अतिरिक्त, बहुत बेहतर क्वालिटी के फोन और मोबाइल डिवाइस होने पर, लगभग 0.25 प्रतिशत हर महीने यह खराब होते हैं। वर्तमान में 85 करोड़ मोबाइल फोन बेस के हिसाब से लगभग 2.5 करोड़ लोग नए मोबाइल की उपलब्धता न होने या फिर उनके वर्तमान फोन में सुधार न होने से परेशान हैं।'