Sensex - Nifty में दिखा उतार
डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर नजर आ रहा है। रुपए का भाव 76.77 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गया है।
MOTHERSON SUMI के बोर्ड ने NCDs के जरिए 500 Cr जुटाने की मंजूरी दे दी है।
कमजोर शुरुआत के बाद में बाजार में हल्की रिकवरी देखने को मिली है। हालांकि सेंसेक्स लाल निशान में बना हुआ है। सेंसेक्स 140 अंक की कमजोरी के साथ 30240 के आसपास नजर आ रहा है। वहीं निफ्टी में 20 अंक की कमजोरी दिख रही है और ये 8907 के आसपास दिख रहा है।
कल 6 परसेंट से ज्यादा की गिरावट के बाद आज क्रूड कीमतों में थोड़ी रिकवरी देखने को मिल रही है। कोरोना के चलते डिमांड घटने की आशंका से ब्रेंट 28 डॉलर के करीब आ गया है। INTERNATIONAL ENERGY AGENCY के मुताबिक अप्रैल में मांग रोजाना करीब 3 करोड़ बैरल घट सकती है।
WIPRO के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे हैं। डॉलर कंपनी आय में 1 फीसदी की गिरावट रही है। कंपनी ने कहा है कि कोरोना के कारण आगे चुनौती बढे़गी। अप्रैल-जून तिमाही के लिए कंपनी ने Guidance नहीं जारी किया है। IT कंपनियों के ADR पर दबाव बढ़ा है।
आज IT दिग्गज TCS के नतीजे आएंगे। इसका डॉलर रेवेन्यू ग्रोथ फ्लैट रहने का अनुमान है जबकि मुनाफा 1 फीसदी बढ़ सकता है। मैनेजमेंट कमेंट्री में कोरोना के असर और कैपिटल एलोकेशन प्लान पर खास नजर रहेगी।
TATA STEELपर रेटिंग एजेंसी का भरोसा घटा है। S&P ने TATA STEELका आउटलुक STABLE से NEGATIVE कर दिया है। वहीं MOODY ने TATA STEEL UK की रेटिंग घटाई है।
देश में 20 अप्रैल के बाद बिजली मैकेनिक,प्लंबर, कारपेंटर जैसे काम की इजाजत मिल गई है। महाराष्ट्र में भी कृषि से जुड़े काम के अलावा ई-कॉमर्स कंपनियां फूड और इलेक्ट्रिकल आइटम्स की होम डिलीवरी कर सकेंगी।
मार्च में रिटेल्स सेल्स और मैन्युफैक्चरिंग के खराब आंकड़े से कल अमेरिकी बाजारों पर दबाव दिखा। कल के कारोबार में Dow करीब 450 अंक गिरकर बंद हुआ था। US मार्केट में कल 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी। S&P 500 और Nasdaq भी 2 फीसदी तक फिसले थे। क्रूड में गिरावट से एनर्जी शेयरों पर दबाव बढ़ा है। 1992 के बाद मार्च रिटेल्स सेल्स में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। मार्च में रिटेल सेल्स में 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। अमेरिका में बेरोजगारी के आकंड़े आज आएंगे। यहां जॉबलेस क्लेम बढ़ने की आशंका है। एशियाई बाजारों में भी आज कमजोरी देखने को मिल रही है।
उधर कल 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के बाद आज क्रूड कीमतों में थोड़ी रिकवरी नजर आ रही है। कोरोना के चलते डिमांड घटने की आशंका से ब्रेंट 28 डॉलर के करीब आ गया है। INTERNATIONAL ENERGY AGENCY के मुताबिक अप्रैल में मांग रोजाना करीब 3 करोड़ बैरल घट सकती है।
इस बीच दुनिया भर में कोरोना पॉजिटिव संख्या 20.8 लाख के पार चली गई है। इससे दुनिया में 1.33 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में 6.43 लाख से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव हैं। अमेरिका में इससे अब तक 32300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में 1 मई से इकोनॉमी खोलने के संकेत हैं। US में बड़ी भीड़ जुटने पर पाबंदी की आशंका भी बढ़ी है। उधर EU भी धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलने के पक्ष में है। EU का कहना है कि सभी लोग एक साथ काम पर ना लौटें।
इन ग्लोबल संकेतों के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में कमजोरी देखने को मिल रही है। सेंसेक्स में करीब 300 अंकों की गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, निफ्टी करीब 75 अंक नीचे दिख रहा है। आज मिडकैप शेयरों में भी सुस्ती देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.06 फीसदी की हल्की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। हालांकि स्मॉलकैप शेयरों खरीदारी नजर आ रही है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.27 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। तेल-गैस शेयरों में भी आज कमजोरी नजर आ रही है। बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 0.01 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है।
आज के कारोबार में निफ्टी का सिर्फ फार्म इंडेक्स हरे निशान में है। बैंकिंग, मेटल, ऑटो और आईटी शेयरों में सबसे ज्यादा कमजोरी देखने को मिल रही है। वहीं, रियल्टी, एफएमसीजी शेयरों में भी कमजोरी देखने को मिल रही है। बैंक शेयरों पर दबाव के चलते बैंक निफ्टी 0.52 फीसदी की कमजोरी के साथ 18,958.05 के स्तर पर नजर आ रहा है।
फिलहाल बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स करीब 320 अंक यानि 1.06 फीसदी की कमजोरी के साथ 30,058 के आसपास कारोबार कर रहा है। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी करीब 95 अंक यानि 1.06 फीसदी की कमजोरी के साथ 8830 के आसपास कारोबार कर रहा है।