'महामंडलेश्वर' पद खत्म करने उठी मांग
निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर और चारधाम मंदिर के प्रमुख शांतिस्वरूपानंद महाराज के खिलाफ मंगलवार रात को धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की गई। इस घटना के बाद अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर महामंडलेश्वर पद पर मिलने वाली सुविधाओं को समाप्त करने और इस पद को प्रतिबंधित करने की मांग की है।
अखाड़ों में बढ़ रही अनियमितताएं – महासंघ ने उठाए सवाल
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने बताया कि सनातन धर्म की एकजुटता बनाए रखने के लिए आदि शंकराचार्य ने अखाड़ों की स्थापना की थी। लेकिन समय के साथ इन अखाड़ों में धनलोलुपता बढ़ती गई, जिससे सनातन धर्म की अखंडता प्रभावित हो रही है। उज्जैन में महामंडलेश्वर पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा अवैध दस्तावेजों के माध्यम से अवैध तरीके से धन कमाने का मामला सामने आया है, जिस पर एफआईआर दर्ज की गई है। इससे महामंडलेश्वर पद की गरिमा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
भगवा के पीछे छिपा छल?
महासंघ द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कुछ लोग भगवा वस्त्र धारण कर खुद को त्यागी और निर्मल बताते हैं, लेकिन वे जनता से धोखाधड़ी, अवैध कब्जे और छल-कपट करते हैं। ऐसे लोग धर्म के नाम पर समाज को गुमराह कर रहे हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इससे पहले मंदाकिनी देवी भी पैसों के लेन-देन के मामले में गिरफ्तार हो चुकी हैं और अब उज्जैन में महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। महासंघ ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से सवाल किया है कि क्या वे इस मामले में कोई कार्रवाई करेंगे?
महासंघ ने सरकार से की मांग
महासंघ ने मध्य प्रदेश सरकार से विशेष अधिकारों का उपयोग कर महामंडलेश्वर पद को प्रतिबंधित करने और इस पद पर मिलने वाली सभी सुविधाओं को समाप्त करने की मांग की है। महासंघ का कहना है कि अगर इस पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो धर्म की आड़ में ऐसी गतिविधियां बढ़ती जाएंगी।