61/84 श्री सौभाग्येश्वर महादेव उज्जैन
उज्जैन- सौभाग्येश्वर महादेव के दर्शन मात्र से ही बदल जाता है। भाग्य, अकाल मृत्यु के भय से मिलती है। मुक्ति सौभाग्येश्वर महादेव के दर्शन मात्र से ही बदल जाता भाग्य धार्मिक नगरी उज्जैन को देवों की नगरी कहा जाता है। यहां अत्यंत चमत्कारी मंदिर हैं। जहां प्रत्येक दिन दर्शन करने मात्र से ही समस्त प्रकार के कष्टों का निवारण हो जाता है। बाबा महाकाल की नगरी में एक ऐसी ही शिव मंदिर स्थित है। जिसके दर्शन करने मात्र से ही सौभाग्य व अतुल सुख की प्राप्ति होती है। यदि शिवलिंग का प्रतिदिन पूजन-अर्चन किया जाए तो ग्रहों की बाधा, दरिद्रता और अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है। 84 महादेव में 61वां है स्थान प्राप्त है। बालू से बना है शिवलिंग 84 महादेव में 61 वां स्थान रखने वाले श्री सौभाग्येश्वर महादेव की महिमा निराली है। जिसकी जानकारी देते हुए मंदिर के पुजारी पं. राजेश पंड्या ने बताया कि मंदिर में भगवान का शिवलिंग बालू से बना हुआ है। जिनका प्रतिदिन दर्शन पूजन करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि सौभाग्येश्वर महादेव का पूजन करने वाले भक्तों के परिवार की कभी दुर्गति नहीं होती है। मनोकामना पूरी होने पर बनाया जाता है सीधा स्वास्तिक स्कंद पुराण में इस बात का उल्लेख है। कि सौभाग्येश्वर महादेव के दर्शन करने से दरिद्रता समाप्त होती है। बंधुओं से वियोग नहीं होता। ग्रहों की बाधा समाप्त होने के साथ ही स्त्रियों को वैधव्य भी नहीं मिलता। बताया जाता है कि मंदिर में पूजन अर्चन करने वाले श्रद्धालु मनोकामना पूर्णता के लिए उल्टे स्वस्तिक का निर्माण करते हैं। यहां विशेष रूप से विवाह में आ रही बाधा, संतान प्राप्ति में आ रही बाधाओं के साथ ही समस्त प्रकार के संकटों का निवारण होने पर श्रद्धालु पुनः मंदिर आते हैं और फिर सीधा स्वास्तिक बनाकर भगवान का पूजन अर्चन करते हैं।