5 पैसे की लागत पर समुद्र का खारा पानी बनेगा पीने लायक
कार मचना शुरू हो गया है। न केवल लोग, बल्कि अलग-अलग राज्यों के बीच भी खींचतान बढ़ गई है। इस बीच, मोदी सरकार कुछ अनूठी योजनाएं लेकर आई हैं और दावा किया जा रहा है कि यदि ये कामयाब हो गईं, तो देश में कहीं पानी की कमी नहीं होगी। जानिए इसी बारे में -
केंद्रीय जलसंसाधन विकास मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में बताया है कि हर साल बारिश का 60 फीसदी पानी समुद्र में चला जाता है। यदि इसमें से 10 फीसदी पानी भी हम रोकने में कामयाब हुए तो पानी की कहीं कमी नहीं होगी।
1. तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह पर समुद्र का पानी शुद्ध किया जाता है, लेकिन इसका खर्च बहुत अधिक आता है। अब सरकार ने खर्च कम करने की जुगाड़ लगाई है। योजना के मुताबिक, सबसे पहले सरकार कबाड़ का एक जहाज लेगी और उस समुद्र के बीच खड़ा कर पानी शुद्ध करने का प्लांट लगाया जाएगा। यहां कांडला से विंड पॉवर पहुंचाई जाएगी। इस तरह करीब 2.50 रुपए प्रति यूनिट से प्लांट चलेगा और 5 पैसे प्रति लीटर खर्च पर समुद्र का खारा पानी मीठा हो जाएगा।
2. एक उपाय, चार राज्यों का संकट खत्म: आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी का 3000 टीएमसी (Thousand Million Cubic) पानी हर साल समुद्र में बह जाता है। प्रदेश सरकार ने इसमें से 140 टीएमसी पानी पम्पिंग कर नहर के जरिए किसानों तक पहुंचाया तो उनकी कमाई में 10 हजार करोड़ का इजाफा हो गया।
इस आधार पर केंद्र सरकार ने अनुमान लगाया कि यदि गोदावरी का 1000 टीएमसी पानी रोक लिया जाता है तो किसानों की आय 100 लाख करोड़ तक बढ़ जाएगी। अब यहां पोलावरम डैम बनाया जा रहा है, जिसकी लागत 60 हजार करोड़ रुपए है।
इसी तरह महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में इंद्रावती नदी है और बांध नहीं होने के कारण इसका पानी गोदावरी में आता है। इसके लिए तेलंगाना में कालेश्वर डैम बनाया गया है। योजना है कि इस पानी को दो-तीन अन्य छोटे बांधों में डालते हुए तमिलनाडु में कावेरी नदी तक ले जाया जाएगा। वहीं पोलावरम डैम का बैक वॉटर भी पम्पिंग कर पहले कृष्णा, फिर पेन्नार और आखिरी में कावेरी तक ले जाया जाएगा। इस तरह कर्नाटक, आंध्र और तेलंगाना और तमिलनाडु की पानी की समस्या हल हो जाएगी और किसी तरह का कोई विवाद भी नहीं होगा।
3. पंचेश्वर का पानी राजस्थान, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब तक: भारत-नेपाल सीमा पर पिथौरागढ़ घाटी की काली नदी पर पंचेश्वर बांध बन रहा है। यहां 6000 मेगावाट हाईड्रो पॉवर तैयार होगी। सरकार की योजना है कि इस पानी को यमुना नदी में लाया जाए। इससे राजस्थान, यूपी, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा को बड़े पैमाने पर पानी मिलेगा।
4. जमीन अधिग्रहण नहीं, पाइप से सप्लाय: सरकार अब बड़ी-बड़ी नहरें बनाकर जमीन अधिग्रहण नहीं करेगी, बल्कि पाइप के जरिए पानी सप्लाय करेगी। इससे हर प्रोजेक्ट में 6 से 7 हजार करोड़ रुपए बचेंगे।
5. बढ़ाएंगे बांधों की क्षमता: देश के बांधों में इतनी मिट्टी जमा हो गई है कि उसे निकाल दिया जाए तो इनकी क्षमता ढाई से तीन गुना तक बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए 6000 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है।
6. ऐसे रोकेंग बारिश का पानी: बारिश का पानी रोकने के लिए सरकार ने अनूठी योजना बनाई है। सड़क पर बनने वाले पुलों के नीचे 3-3 मीटर गहरे बंदारे बनाए जाएंगे। यहां 10 से 12 किमी तक के इन बंदारों में पानी स्टोर रहेगा, जिसका उपयोग सिंचाई के साथ ही जलस्तर बढ़ाने के लिए किया जाएगा। महाराष्ट्र में 170 पुलों के साथ यह प्रयोग हो रहा है। इसके अलावा नदियों पर बने पुराने पुलों को रबन डैम में तब्दील कर पानी रोका जाएगा।