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भस्मारती शुल्क के मामले में केवल शिव संप्रदाय की ही राय ली जाए



उज्जैन। महाकाल मंदिर में भस्मारती दर्शन पर शुल्क लगाने के मामले में अखिल भारतीय मंदिर मठ सनातन धर्म मोर्चा ने मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर को पत्र लिखकर मांग की है कि शुल्क हटाने व लगाने की राय केवल शिव संप्रदाय के लोगों से ही ली जाएं। 

मोर्चा के अध्यक्ष किशोरसिंह कुशवाह के अनुसार हिंदू सनातन धर्म में मंदिरों के निर्माण के समय यहां आने वाला भक्त विश्राम कर सके, जल, भोजन ग्रहण कर सके आदि व्यवस्थाएं देखी जाति हैं न की दर्शनार्थियों को आरती पूजा पर कर लगाया जाकर कमाई की जाए। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा लगाए भस्मारती शुल्क की चारों ओर निंदा हो रही है साथ ही मंदिर की छवि भी बिगड़ रही है। कुशवाह ने जिला कलेक्टर एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर केवल शिव संप्रदाय से ही इस विषय पर राय लेने की मांग की है, दूसरे संप्रदाय के लोग हिंदू सनातन परंपरा को नहीं मानते हैं एवं उसमें आस्था भी नहीं रखते। ऐसे में मंदिर समित को सही राय नहीं मिल सकती। जिस कारण से लगाया गया शुल्क हटाने में अड़चन पैदा हो सकती है। कुशवाह ने पत्र में सीधा सवाल किया कि जब जैन मंदिर, वैष्णव मंदिर, गुरूद्वारा या चर्च में उनकी परंपराओं में हिंदू सनातन धर्म के लोगों से राय नहीं ली जाती है तो शुल्क हटाने की राय अन्य संप्रदाय के लोगों से क्यों ली जाए। 

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