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उज्जैन में 10 जुलाई से निकाली जाएगी बाबा महाकाल की सवारी, महाकाल लोक निर्माण के बाद भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान


उज्जैन-  भगवान शिव का प्रिय महीना सावन 4 जुलाई से शुरू हो रहा है। जिसके तहत प्रथम सवारी 10 जुलाई को निकाली जाएगी। पूर्व वर्षों के तुलना में इस वर्ष महाकाल लोक बनने से सावन में श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ी मात्रा में इजाफा होगा। सावन माह 4 जुलाई से प्रारंभ होकर 11 सितंबर तक रहेगा इस बीच भगवान महाकाल की 10 सवारियां निकाली जाएगी। इसी बीच 21 अगस्त को नागपंचमी का पर्व भी होगा। उज्जैन में महाकाल लोक निर्माण के बाद यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्यक्ष वृद्धि हुई है, जिसे ध्यान में रखते हुए सावन माह में महाकाल दर्शन और बाबा महाकाल की निकलने वाली सवारी में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही है । इन्हीं तैयारियों को लेकर उज्जैन कलेक्टर ने अधिकारियों की एक बैठक बुलाई और व्यवस्थाओं की समीक्षा की और उचित दिशा निर्देश दिए। बैठक में  श्रावण मास में अति विशिष्ट व्यक्तियों का प्रवेश बेगमबाग से रखे जाने और मंदिर में प्रवेश गेट क्रमांक 1 से कराए जाने की बात कही गई, नाग पंचमी पर्व पर स्वास्थ्य विभाग को आगंतुक श्रद्धालुओं को  उपचार की सुविधा देने के निर्देश दिए गए, मंदिर में ही कंट्रोल रूम बनाए जाने, टेंट व्यवस्था , पेयजल व्यवस्था, जरूरी बेरीगेटिंग व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए गए, एक कोर टीम बनाकर आपसी समन्वय के साथ काम करने , स्थाई तौर पर जूता चप्पल स्टैंड बनाए जाने , सवारी के 3 घंटे पहले बेरीगेटिंग पूरी करने और स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए वाहन के लिए पार्किंग स्थल सुनिश्चित करने, महाकाल लोक में 8 से 10 बड़ी स्क्रीन लगाए जाने , सवारी मार्ग जहां पर सड़कें दुरुस्त नहीं है वहां की सड़कों को दुरुस्त करने और चौड़ीकरण करने सहित कई निर्देश बैठक में दिए गए । सभी निर्देशों के अनुसार अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर कार्य करने को कहा गया है। तैयारियों के तहत भस्म आरती के दौरान कार्तिकेय मंडपम की अंतिम 3 पंक्तियों से श्रद्धालुओं के लिए चलित भस्म आरती दर्शन व्यवस्था की जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को दर्शन हो सके। अनुमान है कि इस वर्ष हर वर्ष की अपेक्षा श्रद्धालुओं की संख्या 10 गुना अधिक रहेगी। साथ ही इस वर्ष अधिक मास होने के कारण पहली सवारी 10 जुलाई को और शाही सवारी 11 सितंबर को निकाली जाएगी। सावन मास के दौरान भगवान महाकालेश्वर की तड़के होने वाली भस्मारती का समय भी बदल जाएगा। सावन माह में प्रतिदिन रात 3:00 बजे और हर सोमवार को रात 2:30 बजे भस्म आरती के लिए महाकाल मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे।

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