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रेलवे के सिविल विभाग ने बिजली की लाइन पर ही रेलवे ट्रैक बना दिया।


उज्जैन- रेलवे की बड़ी चूक सामने आई हैं,  बिजली की 11 केवी विद्युत लाइन पर ही बना दिया रेलवे ट्रैक अब माधोपुर के किसानों की सिंचाई का कार्य प्रभावित हो रहा है। नरवर विद्युत वितरण केंद्र के आसपास की जमीनों के मालिक किसानों ने करीब 50-60 बिजली कनेक्शन सिंचाई कार्य के लिए ले रखे हैं। रेलवे की बड़ी चूक सामने आई है। इसमें रेलवे के सिविल विभाग ने बिजली की लाइन पर ही रेलवे ट्रैक बना दिया। रेलवे की बड़ी चूक सामने आई है। इसमें रेलवे के सिविल विभाग ने बिजली की लाइन पर ही रेलवे ट्रैक बना दिया। इससे बिजली लाइन डेमेज हो गई है। सिंचाई का लोड बढ़ने पर तो यहां की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। आसपास के गांवों में करीब 250 घरेलू उपभोक्ता है। इनकी बिजली सप्लाई भी प्रभावित हो रही है। बिजली कंपनी की ओर से अभी तो अस्थायी व्यवस्था की गई है लेकिन सिंचाई का लोड बढ़ने पर बिजली सप्लाई सिस्टम फेल हो जाएगा। उज्जैन-इंदौर पटरी के दोहरीकरण के तहत माधोपुर रेलवे स्टेशन के पास में रेलवे विभाग की ओर से रेलवे ट्रैक बनाया गया है। इसमें बिजली की वह केबल दबकर डेमेज हो गई, जिससे पूरे क्षेत्र में बिजली सप्लाई है। केबल के डेमेज होने से बिजली सप्लाई प्रभावित होने की स्थिति बनने पर बिजली कंपनी के अधिकारियों ने अस्थाई व्यवस्था कर किसानों और रहवासियों के लिए बिजली सप्लाई तो सुचारू कर दी है लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। सिंचाई कार्य शुरू होने पर लोड बढ़ेगा और बिजली सप्लाई सिस्टम फेल हो जाएगा। इससे आसपास के क्षेत्रों में अंधेरा हो जाएगा।
इसकी वजह यह सामने आई है कि केबल के ऊपर मटेरियल डालकर रोलर चलाया गया और उस पर रेलवे ट्रैक बना दिया गया। इसमें बिजली की केबल सेफ्टी का ध्यान नहीं रखा गया।  ताकि वह डेमेज होने से बच जाती और बिजली सप्लाई भी प्रभावित नहीं होती। रोलर चलाकर ट्रेक बना दिया, सेफ्टी का ध्यान नहीं रखा गया। बिजली कंपनी के इंजीनियर्स व अधिकारियों का कहना है कि सेफ्टी के तहत पाइप डालकर उसमें से केबल को निकालना था।

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