महाकाल लोक में मुर्तियां गिरने पर कांग्रेस द्वारा डाला गया वीडियो चर्चा में हैं।
उज्जैन- महाकाल महालोक में 28 मई को तेज आंधी के कारण गिरी सप्त ऋषियों की 6 मूर्तियों के विरोध में एक वीडियो वायरल हुआ है। शिव-नारद संवाद पर आधारित इस विडियो में भगवान शिव कमलनाथ को लाने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो पर संत अवधेशपुरी महाराज ने नाराजगी जताते हुए। कहा है कि प्रचार के लिए इस प्रकार भगवान का मजाक बनाना ठीक नहीं है। इधर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार किया हैं तो उजागर तो होगा ही। जब सच सामने आता है। तो अच्छा नहीं लगता क्योंकि सच कड़वा होता है। यह वीडियो महादेव सीरियल का हिस्सा है। इसे संपादित कर महाकाल लोक में हुई घटना पर शिव को क्रोधित होते दिखाया गया है। इस वीडियो को ईडीट कर इसमें कुछ सीन का बदलाव कर महाकाल लोक में मुर्तियां गिरने पर शब्दों का उचारण किया गया हैं। इस पर संत अवधेशपुरी महाराज ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सनातन धर्म की संस्कृति के खिलाफ हैं। 46 सेकंड के वीडियो की शुरुआत नारद मुनि के आकाश मार्ग से होती है। जिसमें आकाश मार्ग से गमन करते समय उन्हें महाकाल लोक में आंधी के कारण सप्त ऋषि की मूर्तियां पेडल स्टेंड से गिरते दिखाई देती है। इसके बाद वें भगवान शिव के पास जाते हैं और घटना बताते हैं। इस पर शिव क्रोधित होते हुए कहते हैं कि मैं जानता हूं, वहां क्या हुआ है। जनता के रक्षक ही भक्षक बन बैठे हैं। अब कमल नाथ को लाना ही होगा। इसी वीडियो पर संत अवधेशपुरी महाराज भड़के हुए हैं। उनका कहना है कांग्रेस भाजपा आपस में कितने भी आरोप प्रत्यारोप लगाए। कांग्रेस ने वीडियो का विरोध करने पर संत पर पलटवार किया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कुछ लोग हमेशा चर्चा में बने रहने के लिए देश के किसी भी कोने में होने वाली हर छोटी बड़ी घटना पर दिन भर वीडियो जारी करते हैं, लेकिन महाकाल लोक में गिरी सप्तऋषियों की मूर्तियों पर उन्होंने आज तक प्रतिक्रिया नहीं दी है। भोपाल से आई टीम ने मुर्तियों की जाचं की हैं और उससे सम्बन्धित कागजात भी मागें हैं।