मूर्ति विवाद गहराया प्रदेश कांग्रेस के बाद जिला कांग्रेस ने सरकार को घेरा
रविवार को तेज आंधी और तूफान के साथ हुए उज्जैन में नुकसान की भरपाई करना बेहद मुश्किल है उज्जैन में महाकाल लोक में मूर्तियों के टूटने का मामला कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है महाकाल लोक मूर्ति टूटने का मामला पूरे देश भर में वीडियो वायरल हुआ जिसे उज्जैनकी छवि धूमिल हुयी है जिसको लेकर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोर्चा खोलते हुए सरकार से मूर्ति जांच की मांग कर दी और वही आज सोमवार को उज्जैन कांग्रेस द्वारा एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता कर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं कांग्रेस का कहना है कि दर्शनार्थी की सुविधा के लिए 300 करोड रुपए की योजना जब कमलनाथ जी ने स्वीकृत की और कार्यान्वित करने का कार्य आरम्भ किया फिर शिवराज ने हमारी योजना को आगे बढ़ा कर इसका श्रेय लिया वही प्रथम फेस को जल्दी से जल्दी पूरा करने और प्रधानमंत्री से उद्घाटन कराने के चक्कर में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और साथ ही ऐसे काम करवा दिए जो गुणवत्ता विहीन हुए जिससे कमीशन खोरी और हर किसी को चांदी काटने का मौका मिला महाकाल लोक कारी डोर जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था उसमें सैकड़ों मूर्तियां स्थापित है इसमें कई मूर्तियां ऍफ़ आर पी मटेरियल यानी फाइबर युक्त है जबकि धातु पाषाण की मूर्ति लगनी थी जो शास्त्र सम्मत विधि विधान से होती लेकिन कमीशन का श्रेय लेने की होड़ में भाजपा के शासन में जिला प्रशासन के द्वारा महाकाल लोक के समस्त निर्माण गुणवत्ता विहीन करवाएं है वही मूर्तियां स्थापित करने के समय प्रशासन द्वारा बड़े-बड़े दावे भी किए मूर्तियां सही प्रकार के मौसम की मार आंधी तूफान से सुरक्षित रहेगी लेकिन पहली ही बारिश में ही महाकाल लोक के भ्रष्टाचार की पोल खुल गई वही विधायक महेश परमार ने यह आरोप लगाए कि मुझे भी समय-समय पर मेरी आवाज को दबाया गया है मेरी आवाज को उठाने नहीं दिया गया वही गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा का मैंने यहां तक कि महाकाल लोक पार्किंग ठेके में हुए भ्रष्टाचार के भी शामिल है लगभग सभी के खिलाफ जांच चल रही है. तूफान में सप्तर्षियों की मूर्तियों का खंडित हो जाना विश्वास और आस्था को नुक्सान पंहुचाता है उज्जैन कलेक्टर पुरुषोत्तम इस पर कार्रवाई करें ठीक करवाया जाए. हमारा सवाल यह भी है कि निर्माण पूर्ण सुरक्षा का ध्यान क्यों नहीं रखा. उज्जैन कांग्रेस द्वारा वही दूसरा आरोप यह भी लगाया की सिंहस्त की आरक्षित जमीन जो जिसमे 12 करोड़ जनता आने की संभावना होती है उस क्षेत्र को ही कॉलोनी के लिए दे दिया गया और साथ ही यह भी आरोप लगाया कि पुण्य सलिला मां शिप्रा नदी पूर्व के शिप्रा लिंक परियोजना को पानी देने का वादा किया था पानी पीने के लिए लेकिन अब गंदा पानी मिल रहा है और धार्मिक आस्थाओं के द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है पत्रकार वार्ता में तराना विधायक महेश परमार उज्जैन जिला अध्य्क्ष सहित सभी वरिष्ठ कांग्रेसजन शामिल हुए