महाकाल परिसर में निकले प्राचीन मंदिर को नए स्वरूप में ढालेंगे
उज्जैन| भगवान महाकालेश्वर मंदिर में पूर्व में हुई खुदाई के दौरान लगभग एक हजार वर्ष प्राचीन परमार कालीन मंदिर निकला था, उसे नए स्वरूप में ढाला जाएगा। आने वाले समय में यह मंदिर अलग ही छटा बिखेरेगा। मंदिर समिति इसे 1 करोड़ की लागत से नए स्वरूप में लाने का प्रयास कर रही है।
मंदिर को लेकर शोध करने वाले अधिकारी डॉ. ध्रुवेंद्र ङ्क्षसह जोधा ने बताया कि मंदिर के अन्य भागों में जाड्यकुंभ कुंभ, खुर भाग, कपोतिका आदि नजर आते हैं।
खुदाई में निकले अवशेषों को जोड़ेंगे
प्रशासक संदीप सोनी ने बताया महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान निकले पुरावशेषों को जोड$कर पुन: वैसा ही स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, जैसा सदियों पहले था। परिसर में खुदाई के दौरान निकली प्राचीन खंडित प्रतिमाओं और अवशेषों को सहेजकर रखने के लिए जीएसआई द्वारा म्यूजियम भी बनाया जा सकता है, ताकि आने श्रद्धालु मंदिर का इतिहास जान सकें और इन दुर्लभ अवशेषों के दर्शन से रूबरू हो सकें। दो साल पहले परमारकालीन शिव मंदिर का स्ट्रक्चर खुदाई के दौरान प्राप्त हुआ था। इसमें शिवङ्क्षलग नुमा आकृति, ङ्क्षपडी, जलाधारी, मां चामुंडा की विशालकाय प्रतिमा और एक विष्णु जी की प्रतिमा प्राप्त हुई थी। शहर के प्रमुख संतों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर इस मंदिर को पुननिर्माण की मंशा जाहिर की थी।
पुरावशेषों को सहेजने की आवश्यकता
विक्रम विवि के पुरातत्वविद् डॉ. रमण ङ्क्षसह सोलंकी का कहना है कि मंदिर के पुरावशेषों को सहेजने की आवश्यकता है। यहां से जितने भी अवशेष प्राप्त हुए हैं, उन्हें संकलित करके बाद में अलग-अलग रूप में उनके आकार-प्रकार के अनुसार जोड कर अलग से शहर के अन्य स्थान पर मंदिर बनाया जा सकता है।