बिजली कंपनी के मेंटेनेंस में लापरवाही से जनता परेशान, शिकायत कर रहे पर सुनवाई नहीं
उज्जैन| निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए बिजली कंपनी वर्ष में दो बार मेंटेनेंस करती है। पोस्ट मानसून अक्टूबर में शुरू होता है और प्री मानसून मेंटेनेंस अप्रेल में शुरू हो जाता है। इस समय प्री मानसून मेंटेनेंस चल रहा है। पोस्ट मानसून हो जाने व प्री मानसून मेंटेनेंस चलते हुए भी पिछले दो दिनों से थोड़ी हवा और जरा सी बारिश के चलते शहर के कई इलाके घंटों अंधेरे में गुजारने को मजबूर हैं। परेशान जनता अब खुलकर बिजली कंपनी के विरोध में उतर आई है। शनिवार को जरा सी हवा का झोंका कई क्षेत्रों में अंधेरा कर गया।इधर, कनीपुरा रोड पर लोगों ने 8 घंटे से बिजली बंद हो के कारण आंदोलन कर सड़क पर चक्काजाम कर दिया। ऐसा रहा तो आगामी दिनों में लोग इसी तरह आंदोलन करेंगे।
वॉल्टेज का उतार-चढ़ाव
अचानक बिजली बंद होने के साथ पूरे शहर में बिजली का उतार-चढ़ाव (वॉल्टेज फ्लक्चुएशन) भी जनता को परेशान कर रहा है। वॉल्टेज कम ज्यादा होने से इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रानिक उपकरणों पर विपरीत असर पड़ रहा है।
रात को जब लाइट बंद हुई तो बिजली कंपनी के टोल फ्री नंबर पर फोन किया। पहले तो फोन व्यस्त मिला। इसके बाद जब बात हुई तो संतुष्टीपूर्ण जवाब नहीं मिला।
-सचिन शर्मा, बहादुरगंज
मानसून शुरू होने में देर है। अभी से ये हाल हैं तो बारिश शुरू होने के बाद की स्थिति क्या होगी। हमारे इलाके में दो-तीन बार बिजली बंद हो जाती है।
रामङ्क्षसह सोलंकी, फ्रीगंज
लाइनमैन को फोन लगाओ तो टका सा जवाब मिलता है कि काम कर रहे हैं। ये कैसा मेंटेनेंस है, जिसके बाद भी बार-बार लाइट बंद हो रही है। ५-६ कॉलोनी के लोग आंदोलन के लिए तैयार है। अभिषेक यादव, नानाखेड़ा
शनिवार शाम को बहादुरगंज में तीन घंटे बंद रही बिजली, वहीं ढांचा भवन व ऋषि नगर में दो दिन से बिजली की लुकाछिपी जारी है। राजेंद्र नगर में कई दिनों से वॉल्टेज फ्लक्चुएशन जारी है। महामंगल सिटी, नानाखेड़ा क्षेत्र, फ्रीगंज, गोपाल मंदिर क्षेत्र, अंकपात मार्ग जैसे कई इलाकों में वॉल्टेज के उतार-चढ़ाव रहा।
प्री मेंटेंनेस चल रहा
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री प्रेम ङ्क्षसह चौहान का कहना है कि पेड़ों की डालियां बिजली के तारों में विघ्न पैदा कर रही है। इसलिए बार-बार लाइट बंद हो रही है। प्री मेंटेनेंस चल रहा है, जिससे जल्द स्थिति सुधर जाएगी। पोस्ट मानसून के बावजूद ऐसी स्थिति के सवाल पर चौहान का कहना है कि पेड़ों की ब्रांचेस फैल गई है, जिसकी कङ्क्षटग का काम चल रहा है।