शिप्रा गंगा दशहरा पर्व के अवसर पर दर्शन पूजन के साथ शिप्रा की 56 कि.मी. की परिक्रमा
उज्जैन- समस्त तीर्थो में श्रेष्ठतम पवित्र पावन नगरी उज्जयिनी में शिप्रा गंगा दशहरा पर्व के अवसर पर शिप्रा लोक संस्कृति समिति द्वारा विगत 20 वर्षो से डॉ. मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री म.प्र. शासन के संयोजन में प्रतिवर्ष मोक्ष दायिनी पुण्य सलीला शिप्रा के प्रति जन जागरण हेतु शिप्रा तट स्थित तीर्थो के दर्शन पूजन के साथ शिप्रा की 56 कि.मी. की परिक्रमा की जा रही है।
इस वर्ष यह दो दिवसीय परिक्रमा 29 व 30 मई 2023 को आयोजित की जावेगी लेकिन इस वर्ष पर्यावरण, जल, नदी, वायु आदि को संरक्षित करने इनके प्रति जन-जागरण को लेकर एक पखवाड़े पूर्व से ही विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जावेंगे जिसमें शिप्रा तट पर श्रमदान, संगोष्ठियॉ, परिचर्चा, प्रदर्शनी और फिर परिक्रमा व शिप्रा को प्रवाहमान व स्वच्छ, निर्मल रखने हेतु संकल्प। इन आयोजनों में युवाओं की अधिकाधिक भागीदारी रहे इसका प्रयास किया जावेगा क्योंकि आमजन की जागृति से ही शिप्रा संरक्षित हो सकेगी। परिक्रमा में प्रतिवर्ष जन समुदाय के साथ, पुराविद, इतिहासकार जैव वैज्ञानिक, वनस्पति व जल विशेषज्ञ सम्मिलित होते है। यह जानकारी शिप्रा लोक संस्कृति समिति के सचिव नरेश शर्मा द्वारा प्रेस वक्तव्य जारी कर दी गई।
म.प्र. के यशस्वी मुख्यमंत्री मा. श्री शिवराज सिंह जी द्वारा प्रदेश की जीवनदायिनी मॉ नर्मदा का मॉ शिप्रा से मिलन कराकर सम्पूर्ण मालवा को विकास की एक नई राह प्रदान की है। ना केवल नदी में नर्मदा जी को जल का संगम कराया गया बल्कि किसानों को भी उनके खेत पर नर्मदा जल सिंचाई हेतु उपलब्ध कराकर उन्हें भी संपन्न बनाने का कार्य किया है। असंभव सी प्रतीत होती नर्मदा-शिप्रा लिंक योजना को मूर्त रूप प्रदान करने पर मालवा की जनता सदैव मा. मुख्यमंत्री जी की ऋणी रहेगी। प्रत्येक बाहर वर्षो में सिंहस्थ के अवसर पर करोडो श्रद्धालुओं, ऋषि-मुनियों, संत-महंतों, महामण्डलेश्वर, शंकराचार्य, धर्माचार्यो के साथ सदियों से शिप्रा स्नान का पुण्य लेकर अपना जीवन धन्य करते है। भगवान श्री कृष्ण, महावीर स्वामी, गुरूनानक देव सहित विभिन्न धर्मो के महात्मा समय-समय पर उज्जैन पधारे थे। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें उज्जैन में जन्म लेने व रहने का अवसर मिला है अतः उज्जैन की मुख्यधरा की जीवनरेखा शिप्रा के प्रति हम अपने कर्तव्य का पालन करें।
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