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दर्शन शुल्क लेकर महाकाल महाराज को कर रहे प्रजा से दूर


उज्जैन|  महाकाल मंदिर में चल रही सशुल्क दर्शन व्यवस्था के विरोध में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सामने आया है। परिषद के महामंत्री और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि महाराज उज्जैन आए। मंगलवार को उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि महाकाल मंदिर में जो दर्शन के नाम पर शुल्क लिया जा रहा है, वह नहीं लेना चाहिए। महाकाल महाराज सभी के आराध्य देव हैं। प्रजा को उनसे दूर नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए जनता से क्या शुल्क लेना। मैं पहले प्रशासन और प्रदेश स्तर पर अपनी बात रखूंगा, यदि नहीं माने तो राष्ट्रपति तक जाऊंगा। इसके लिए चाहे लंबी लड़ाई लडऩा पड़े, तो लडूंगा। सरकार से चिंतन करके यह निश्चित किया जाएगा, कि आम आदमी बिना शुल्क दिए महाकाल महाराज को जल चढ़ा सके, पूजन कर सके। महाकाल कुछ पूंजीपतियों के होकर न रह जाएं। वे सबके हैं, और सब उनके हैं। इसके लिए मंदिर समिति किसी तरह का कोई शुल्क न वसूले। बता दें अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि महाराज 30 मई को उज्जैन के नीलगंगा सरोवर में होने वाले गंगा दशहरा उत्सव पर्व की तैयारी को लेकर यहां आए थे।

बाबा महाकाल हम सभी के हैं
अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि महाराज ने बताया महाकाल मंदिर में इन दिनों दर्शन के नाम पर व्यवसाय किया जा रहा है। रुपए लेकर भगवान के दर्शन करने की टिकट निर्धारित कर दी गई है, जिससे आम आदमी बाबा महाकाल के दर्शन-पूजन से दूर हो गया है। बाबा महाकाल हम सभी के हैं, इनका पूजन-अर्चन और दर्शन करने का अधिकार हम सभी का है। इस बैठक में इस विषय पर भी मंथन चिंतन किया जाएगा।
गंगा दशहरा पर्व पर नीलगंगा सरोवर में होगा शाही स्नान, देशभर से आएंगे साधु-संत
धार्मिक नगरी में एक तीर्थ नीलगंगा सरोवर भी है। यह प्राचीन काल में अखाड़ा पड़ाव के नाम से जाना जाता था। स्कंधपुराण में उल्लेख मिलता है कि गंगाजी स्वयं यहां आई थीं, इसलिए इस तीर्थ का नाम नीलगंगा पड़ा है। गंगा दशहरा पर्व इस बार धूमधाम से मनाया जाएगा। इससे पहले 28 और 29 मई को दो दिवसीय बैठक होगी, जो दत्त अखाड़ा और दातार अखाड़ा में होना है। आगामी सिंहस्थ की तैयारी को लेकर चर्चा की जाएगी। 30 मई को सुबह शाही स्नान होगा। पेशवाई के रूप में शोभायात्रा निकलेगी। इसके बाद बैठक नीलगंगा अखाड़ा में होगी, जिसमें सिंहस्थ के हर बिंदुओं पर चर्चा होगी।

यह बात अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि महाराज ने मीडिया से चर्चा के दौरान कही। महाराज सोमवार दोपहर उज्जैन पहुंचे थे। अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता डॉ. गोविंद सोलंकी ने बताया कि हरि गिरि महाराज झाबुआ जिले के झकनावाद स्थित श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा सिंघेश्वर धाम में 6 से 12 मई तक आयोजित अति रुद्र महायज्ञ की व्यवस्थाओं का जायजा लेने आए थे।

इन बिंदुओं पर होगी चर्चा
आगामी 28, 29 व 30 मई को होने वाली बैठकों में सिंहस्थ के प्रत्येक बिंदु पर विचार विमर्श किए जाने के साथ ही मां शिप्रा को प्रवाहमान किए जाने, महाकालेश्वर मंदिर में आम श्रद्धालुओं को भी सहजता से दर्शन के साथ ही सिंहस्थ 2028 निर्विघ्न संपन्न होने पर परिचर्चा की जाएगी।
शिप्रा पर बना दो विशाल डेम...
मां शिप्रा को सदा प्रवाहमान बनाए रखने के लिए अखाड़ा परिषद महामंत्री हरिगिरि महाराज ने एक उपाय सुझाया कि रामघाट के पहले क्षेत्र में 10 से 15 किलोमीटर तक एक डेम का निर्माण कर देना चाहिए, जिससे कि शिप्रा तट पर सदैव जल प्रवाहित होने के साथ ही मां शिप्रा सदैव साफ व स्वच्छ रहेगी। डेम के बनने से मां शिप्रा के प्रवाहमान और साफ व स्वच्छ होने के साथ ही क्षेत्र के किसानों को भी लाभ मिलेगा।

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