फायर सेफ्टी से क्यों उडी है होटल वालो की नींद
उज्जैन में फायर सेफ्टी का मामला हवा की तरह फेल रहा है अब सब जगह एक ही बात की क्या सब जगह फायर सेफ्टी है लेकिन अभी फिलहाल होटल का मामला ज्यादा है बाजार में लेकिन इसके पहले की होटल की आग शांत होती उज्जैन के दवा बाजार के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित जी फार्मा में शुक्रवार अल सुबह आग लगने से हड़कंप मच गया। पांच दुकानों को मिलाकर बनाया गया एक बड़ा गोदाम में रखा सामान जलकर ख़ाक हो गया। मौके पर पहुंची दमकल की 5 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। लेकिन जब तक करोडो का माल खाक हो चूका था।
दवा बाजार के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित सतपाल सिंह की जी फार्मा नामक दुकान है। सिंह ने पांच दुकानों को मिलाकर एक दुकान के रुपए में तब्दील कर रखा था। सुबह सात बजे आग लगने की जानकारी मिलने के बाद दमकल की पांच गाड़िया मोके पर पहुंची और उन्होंने बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया है। महेंद्र बियाणी ने बताया कि पांच बड़ी दुकाने है 3 दुकानों में संभवतः शार्ट सर्किट से आग लगी है करीब दो करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। आग लगने के बाद सामान निकलने के लिए लोग इक्क्ठा हुए लेकिन आग का धुंवा इतना ज्यादा था की करीब एक घंटे तक अंदर नहीं जा सके। दवा बाजार में आग की यह पहली घटना नहीं है। इसके बावजुद भी पुरे दवा बाजार में आग से निपटने के सुरक्षा इंतजाम नहीं है। दमकल की गाड़ियों को भी दवा बाजार में घुसने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
दवा बाजार जैसी बिल्डिंगो की जांच कब
उज्जैन नगर निगम कमिश्नर रोशन सिंह ने महाकाल मंदिर के आसपास होटलो की जांच कर फायर सेफ्टी के लिए लायसेंस अनिवार्य करते हुए जल्द से जल्द अग्निशम यंत्र और अन्य उपकरण रखने की हिदायत दी थी। अब निगम को चाहिए की दवा बाजार जैसी शहर की कई हाईराइस बिल्डिंगो की चेकिंग भी करे और यहाँ भी फायर सेफ्टी अनिवार्य करे
फायर सेफ्टी तो हर जगह होना चाहिए जिस और नगर निगम को ध्यान देना है लेकिन उज्जैन में नगर निगम में अब कामो में तेजी आने लगी है