श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में स्थित चंद्रादित्यश्वर महादेव मंदिर में विराजित शंकराचार्य स्वामी की प्रतिमा का पूजन अभिषेक किया।
उज्जैन। वैशाख महीने की पंचमी तिथि को आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती के अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में स्थित चंद्रादित्यश्वर महादेव मंदिर में विराजित शंकराचार्य स्वामी की प्रतिमा का पूजन अभिषेक किया। इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर स्थित अखाड़ा के महंत, गोस्वामी समाज के सदस्य और मंदिर के पंडे-पुजारी मौजूद थे।श्री महाकालेश्वर मंदिर के आंगन में स्थित चंद्रादित्यश्वर मंदिर में आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा पर मंगलवार वैशाख महिने की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को शंकराचार्य जयंती पर श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत महाकाल मंदिर अखाड़ा के गादीपति विनीत गिरी महाराज की उपस्थिति में शंकराचार्य की प्रतिमा का पूजन अभिषेक किया गया। इस दौरान संजय पुजारी, रामचंद्र गिरी सहित गोस्वामी समाज के सदस्य, पंडे-पुजारी भी मौजूद थे। महंत विनीत गिरी महाराज ने बताया कि शंकराचार्य भगवान शिव का ही अवतार माने जाते है। इनका बहुत बड़ा योगदान हमारी भारतीय संस्कृति, भारतीय परंपरा के संरक्षण संवर्धन में रहा। अद्वेत परंपरा संदेश दिया। उन्होने हमारे वेद वेदांत को किस तरह से हमारे समाज के लिए उपयोगी साबित कर सकते है। इसका ज्ञान हमें किसी ने दिया तो उसमें शंकराचार्य जी की बहुत बड़ी भूमिका रही है। हमारी अखाड़ा परंपरा शैव परंपरा की देन भी आदि गुरू शंकराचार्य की है। चार पीठ पर चार शंकराचार्य की स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य जी ने की थी। सनातन धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने प्रयास किए।