होस्टल की लड़कियां बीमार, एक की मौत, गंभीर हैं दर्जनों छात्राएं
उज्जैन| गर्ल्स होस्टल के लिए लाखों का बजट है फिर भी बच्चियों को अच्छा भोजन नहीं दिया जा रहा। यही कारण है कि दशहरा मैदान स्थित सुभाषचंद्र बोस छात्रावास की छात्राओं को गंभीर बीमारियों ने घेर लिया है। खराब भोजन के चलते होस्टल फिर चर्चा में है। यहां रहने वाली एक छात्रा की मौत हो गई है जबकि कई छात्राएं गंभीर रूप से बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हैं।
रतलाम की मूल निवासी छात्रा शिवानी दशहरा मैदान स्थित सुभाषचंद्र बोस छात्रावास में रहकर 7वीं में पढ़ रही थी। गत दिनों कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिवानी अचानक चक्कर खाकर गिर गई। परिजन उपचार के लिए ले गए परंतु दो दिन बाद उसकी रतलाम में मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार उसे एनीमिया के साथ विटामिन डी 3 की कमी थी। डॉक्टरों का कहना था कि शिवानी को दिए जाने वाला भोजन खराब रहा होगा, जिससे उसके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के साथ विटामिन की कमी हो गई। परिजन ने छात्रावास में सम्पर्क किया तो पता चला कि यहां रहने वाली एक दर्जन छात्राएं गंभीर रूप से बीमार हैं। कुछ छात्राएं तो ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही हैं। अधिकतर बालिकाओं का उनके परिजन निजी अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं।पेन भी नहीं पकड़ पा रही थी शिवानी
शिवानी के पिता रायसेन का कहना है, स्कूल से सूचना मिलने के बाद मैं उसे रतलाम निजी अस्पताल में उपचार के लिए लाया था। वह इतनी कमजोर हो गई थी कि पेन भी नहीं पकड़ पा रही थी। करीब 50 हजार से ज्यादा खर्च करने के बाद भी उसकी मौत हो गई।
सामने आई भोजन की गड़बड़ी
परिजन का आरोप है कि सभी बालिकाओं के लैब टेस्ट में खून और विटामिन की कमी सामने आई है। डॉक्टरों का कहना है, बालिकाओं को दिए जाने वाले भोजन में गड़बड़ी है या तो इन्हें बासी भोजन दिया जाता है। भोजन की गुणवत्ता ठीक नहीं है। सड़ी गली सब्जियों या बासी भोजन में बैक्टीरिया पनपने से कमजोरी आ जाती है। लगातार खून की कमी बनी रहने से कई गंभीर बीमारी पनपती हैं।
जिला पंचायत की उपाध्यक्ष और शिक्षा स्थायी समिति की अध्यक्ष शिवानी कुंवर कहती हैं कि गत दिनों मुझे जानकारी लगी कि छात्रावास में रहने वाली रतलाम की छात्रा शिवानी की मौत हो गई। उसके परिजन से बात की तो पता चला कि करीब दो दर्जन से ज्यादा छात्राओं की हालत गंभीर है। शिक्षा विभाग और जिलाधीश को शिकायत की है। छात्राओं की बीमारी का मामला गंभीर है। इधर एडीपीसी गिरीश तिवारी का कहना है कि फिलहाल इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। मैं दिखवाता हूं। अगर आज शिकायत हुई है, तो जिला शिक्षा अधिकारी को जानकारी होगी।