07 दिन 1700 पुलिस 168 घंटे तक दिन-रात ड्यूटी के बाद सफल सम्पन्न हुयी शिव महापुराण कथा
कभी कभी ऐसा होता है की बड़े बड़े काम अक्सर आसानी से हो जाते है लेकिन जो उस कार्य को निर्विध्न करवाता है उसकी कोई बात भी नहीं होती बल्कि हम बात कर रहे है उज्जैन में हुयी शिव महापुराण जिसमे देश विदेश के करीब दस लाख भक्त आये जिसकी व्यवस्था का जिम्मा उज्जैन पुलिस को सौंपा गया था जिसमे करीब 1700 की संख्या में पुलिस कर्मी इस भक्ति की सुरक्षा की ड्यूटी में लगे थे जिसमे कई गुम बच्चों, बुजुर्ग,महिलाओं को उनके परिजनों से मिलवाकर मानवता की मिशाल की पेश, साथ ही साथ कई श्रद्धालुओ के पर्स एवं मोबाईल समेत अन्य कीमती सामान लौटाएं गए। सम्पूर्ण व्यवस्था में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत वोलेंटीयर्स/नगर एवं ग्राम रक्षा समिति के लगभग 1000 सदस्यो ने भी निभाई अहम भुमिका। इसमें सबसे बड़ी चुनौती नवागत पुलिस अधीक्षक उज्जैन श्री सचिन शर्मा के कुशल नेतृत्व में उज्जैन पुलिस व दीगर जिले के पुलिस बल (संख्या करीब 1700) द्वारा मेहनत एवं लगन से कार्य करते हुए विशाल कथा आयोजन में कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखा। सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत पुलिस स्टॉफ के अधिकारीयों,कर्मचारियों तथा वोलेंटियर्स के सहयोग से दिनांक 04.04.23 से लगातार 168 घंटे तक दिन-रात कार्य करते हुए न केवल कथा पांडाल व्यवस्था को सुरक्षित एवं सुगम बनाया वरन उज्जैन में महाकाल मंदिर,रामघाट, काल भैरव एवम् अन्य मंदिरों की दर्शन व यातायात व्यवस्थाओं को निर्विघ्न सम्पन्न कराया गया। जिस वजह से दर्शन करने आए श्रद्धालुगण में भी काफी हर्षोल्लास रहा इससे श्रद्धालुगणों में पुलिस के प्रति सुरक्षा को देखते हुए संतोषजनक भाव देखने को मिला।
यातायात व्यवस्था हेतु कथा स्थल, महाकाल मंदिर के आस–पास फिक्स पॉइंट्स लगाए गए, तथा यातायात,पार्किंग व्यवस्था का सुचारु रुप से आवागमन देखने को मिला। कथा कार्यक्रम स्थल पर उज्जैन पुलिस द्वारा स्थापित पुलिस सहायता केंद्र के माध्यम से भी कथा में आए लाखो लोगों के लिए जनसेवा का कार्य किया गया। कथा में पुलिस संबंधी व्यवस्थाएं बनाना एवं आए हुए विशाल जन समुदाय को सुरक्षा देना उज्जैन पुलिस के लिये काफी चुनौती पूर्ण था। जिसे पुलिस बल द्वारा बखूबी निभाया गया। पुलिस सहायता केंद्र के माध्यम से लोगों की हर संभव मदद की गई। गुम हुए लोगों जिनमें अधिकांशतः बच्चे एवं बुजुर्ग लोग शामिल थे उन्हें उनके परिजनों से मिलवाकर मानवता की मिशाल पेश की गई । कथा के उपरांत कई लोगों के पर्स एवं कीमती सामान भी गुम हुए जिनके बारे में लगातार माइक से अनाउंसमेंट कर वालंटियरस से समन्वय स्थापित कर उन्हे उनका सामान लौटाया गया, जिसकी श्रद्धालुओं द्वारा प्रसंशा भी की गई। वरिष्ठ अधिकारियों के कुशल मार्गदर्शन में सम्पूर्ण आयोजन योजनाबद्ध रुप से स्थापित सुरक्षा व्यवस्था व यातायात व्यवस्था एवं पुलिस बल की सतत मेहनत के कारण ही सफलता पूर्वक संपन्न कराया गया।
उक्त संपूर्ण व्यवस्था को बेहतर रुप से निर्विघ्नं पूर्ण कराने हेतु नेताओ ने भी अलग अलग बयान दिए की यह व्यवस्था हमारे द्वारा की गई है लेकिन किसी भी स्थल की या कार्य्रकम की व्यवस्था शासन प्रशासन के हाथो होती है l